अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद मलाला यूसुफजई ने जताई चिंता, पूछा- क्यों हम ये सब चुपचाप देख रहे हैं?

और वे अपनी चिंता साझा कर रहे हैं कि उन्हें यकीन नहीं है कि उनका जीवन कैसा होगा'।

Update: 2021-08-17 05:41 GMT

नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने अफगानिस्तान हालात पर चिंता जताई है। विशेष तौर पर महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर मलाला बेहद चिंतित हैं। मलाला ने संकट के इस समय अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत दुनिया के तमाम नेताओं को तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है। इसके अलावा मलाला ने पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान को एक पत्र भेजकर अफगान शरणार्थियों को स्वीकार करने को कहा है। साथ ही सभी शरणार्थियों में शामिल बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और को लेकर भी लिखा। बता दें कि पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान और चीन ने तालिबान को खुला समर्थन किया है।

तालिबान आतंकी गोली का शिकार हो चुकी हैं मलाला
यूसुफजई ने कहा कि अफगानिस्तान के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को अभी बहुत कुछ करना है। साथ ही कहा कि अफगान लोगों की रक्षा के लिए साहसिक कदम उठाना चाहिए। यूसुफजई ने बीबीसी न्यूज़नाइट को बताया, 'यह वास्तव में मानवीय संकट है। बता दें कि महिला शिक्षों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली मलाला को तालिबानी आतंकी ने साल 2012 को गोली मारी थी, हालांकि वह इस दौरान बच बाल-बाल गई थी।
मलाला बोलीं- पता नहीं तालिबान के राज में महिलाओं का जीवन कैसा होगा
इसके बाद मलाला तालिबान के शासन में रहने के बारे में बीबीसी के लिए एक कलम नाम के तहत एक ब्लॉग लिखने लिखी। इस दौरान उन्हें पहचान मिली। मलाला ने न्यूज़नाइट को बताया, 'मैं अभी अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हूं, ख़ासकर वहां की महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर'। 'मुझे अफगानिस्तान में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं सहित कुछ कार्यकर्ताओं से बात करने का अवसर मिला, और वे अपनी चिंता साझा कर रहे हैं कि उन्हें यकीन नहीं है कि उनका जीवन कैसा होगा'।


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