शिंजो आबे की हत्या के बाद जापानी PM ने लिया सबक, शीर्ष नेताओं की सुरक्षा बढ़ी

सबसे बड़े राजनेता की हत्या ने पूरे जापान को झकझोर कर रख दिया है। लोग जगह-जगह अपने पसंदीदा नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

Update: 2022-07-09 03:46 GMT

तोक्यो: जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने शुक्रवार को कैबिनेट मंत्रियों और अन्य नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया। पश्चिमी जापान के नारा में एक चुनाव अभियान के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या की घटना के बाद यह कदम उठाया गया है। बताया जाता है कि घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो चुकी थी, इसके बावजदू डॉक्टरों ने करीब साढ़े चार घंटे तक उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की। घटना के बाद किशिदा और उनके कैबिनेट मंत्री देशभर में अन्य प्रचार अभियानों को बीच में रोक कर तोक्यो लौट आए। जापानी प्रधानमंत्री ने हमले को कायराना और बर्बर बताते हुए इसकी आलोचना की।


जापानी पीएम ने बुलाई आपात बैठक
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार दोपहर करीब 20 मिनट तक राष्ट्रीय जन सुरक्षा आयोग के अध्यक्ष निनोयू सातोशी, न्याय मंत्री फुरुकावा योशीहिसा और अधिकारियों के साथ हमले के बाद के हालात पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे कभी भी हिंसा और आतंकवाद के आगे नहीं झुकें। क्योदो न्यूज की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को रविवार को होने वाले उच्च सदन के चुनाव से पहले कैबिनेट मंत्रियों और अन्य की सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश दिया क्योंकि चुनाव लोकतंत्र की नींव हैं।



जापानी पुलिस को नेताओं की सुरक्षा पुख्ता करने के निर्देश

निनोयू ने राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के प्रमुख नाकामुरा इतारू को कैबिनेट मंत्रियों और देश के अन्य शीर्ष नेताओं को पुख्ता सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया। जापान में बंदूक हिंसा के मामले बेहद कम हैं, जहां बंदूक नियंत्रण को लेकर दुनिया में सबसे सख्त कानून लागू हैं। यहां किसी भी नागरिक को बंदूक का लाइसेंस लेने के लिए कड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। शांत देश होने और वारदातों के कम होने के कारण लोग बेहद कम संख्या में ही आत्मरक्षा के लिए बंदूक का लाइसेंस लेते हैं। जापान के घातक अपराधों में गोली मारने की अपेक्षा छुरा घोंपा जाना अधिक आम है।



2021 में पूरे जापान में बंदूक से जुड़े 10 मामले ही हुए थे दर्ज
पुलिस के अनुसार, 12.58 करोड़ की आबादी वाले जापान में पिछले साल बंदूक से संबंधित केवल 10 आपराधिक मामले थे। इन घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हुई थी और चार घायल हुए थे। इनमें से आठ मामले गिरोह से जुड़े थे। इसी साल यानी 2021 में राजधानी टोक्यो में बंदूक से संबंधित घटनाओं, चोटों या मौत का कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ था। हालांकि, इस शहर से 61 बंदूकें जरूर जब्त की गई थीं। ऐसे में बंदूक से देश के सबसे बड़े राजनेता की हत्या ने पूरे जापान को झकझोर कर रख दिया है। लोग जगह-जगह अपने पसंदीदा नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।


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