फ्रांस से भारत, इंडोनेशिया के बाद अब ग्रीस भी खरीदेगा राफेल फाइटर जेट
पड़ोसी देश तुर्की के साथ गहराते तनाव के बीच ग्रीस ने अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने की तैयारी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : एथेंस : पड़ोसी देश तुर्की के साथ गहराते तनाव के बीच ग्रीस ने अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने की तैयारी तेज कर दी है। ग्रीस इसके लिए जल्द ही फ्रांस के साथ 2.3 अरब यूरो की डील करने वाला है। इस डील के तहत वह 18 राफेल फाइटर जेट खरीदेगा। इस बात की जानकारी सरकार के प्रवक्ता ने गुरुवार को दी है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही चीन के आक्रामक रवैये से परेशान इंडोनेशिया के भी फ्रांस से राफेल खरीदने की खबर आई थी।
अगले साल से डिलिवरी
प्रवक्ता स्टीलियोस पेटसस ने बताया है कि ग्रीस 6 नए राफेल और 12 पहले इस्तेमाल किए जा चुके जेट 1.92 अरब यूरो में खरीदेगा जबकि 40 करोड़ यूरो में उनसे जुड़े उपकरण खरीदे जाएंगे। पहले 6 विमान साल अगले साल जून में डिलिवर किए जाएंगे जबकि बाकी साल 2023 के मध्य में। ग्रीस अपनी रक्षा क्षमता को नए जेट, फ्रीगेट और हथियारों की मदद से बढञाना चाहता है। पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र में ऊर्जा संसाधनों को लेकर पैदा तनाव के अलावा तुर्की के साथ तनाव उसकी चिंताएं बढ़ा रहा है।
फ्रांस से राफेल खरीदने जा रहा चीन का एक और 'दुश्मन', ड्रैगन की दादागिरी के दिन गए
फ्रांस की ला ट्रिब्यून फाइनेंशियल वेबसाइट ने पहले ही इस डील का खुलासा किया था। लेकिन उसकी रिपोर्ट में 36 के बजाय 48 राफेल का उल्लेख था। इसमें लिखा था कि जकार्ता अपने व्यापक रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए फ्रांस के साथ राफेल विमानों की डील को अंतिम रूप देने के लिए उत्सुक है। उस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस साल के अंत तक राफेल विमानों की डील पर सहमति बनने की संभावना जताई गई थी।
फ्रांस और इंडोनेशिया के बीच रक्षा संबंधों की हाल में ही शुरुआत हुई है। राफेल डील के पहले 2019 में इंडोनेशियाई एयरफोर्स के लिए आठ की संख्या में एयरबस हेलीकॉप्टर H225M हेलिकॉप्टर का सौदा हुआ था। निक्केई एशियन रिव्यू के अनुसार, इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री पार्बोवो सुबिआंतो की अक्टूबर में पेरिस दौरे के समय इस डील को लेकर बातचीत हुई थी।
चीन और इंडोनेशिया के बीच दक्षिणी चीन सागर में नातुना द्वीप को लेकर विवाद है। सितंबर में ही इंडोनेशिया ने अपने जलीय सीमा में पहुंचे चीन के एक युद्धपोत को खदेड़ दिया था। इसके बाद से चीन ने इंडोनेशिया के चारों ओर घेराबंदी को बढ़ा दिया था। साउथ चाइना सी में चीन से बढ़ते खतरे को देखते हुए इंडोनेशिया लगातार अपनी सेना को मजबूत कर रहा है।
इंडोनेशिया ने चीन के जहाज को नातुना द्वीप के पास से खदेड़ा था। यह क्षेत्र इंडोनेशिया के एक्सक्लूसिव इकनॉमी जोन में आता है। इंडोनेशियाई समुद्री सुरक्षा एजेंसी के जहाज चीनी युद्धपोतों और मछुआरों के इस क्षेत्र में लगातार घुसपैठ करने के कारण लगातार गश्त करती रहती हैं। इससे जलीय क्षेत्र की सुरक्षा के साथ-साथ चीन की हरकतों पर भी नजर बनी रहती है।
नातुना द्वीप के पास चीनी झंडे वाले मछली पकड़ने की नौकाएं अक्सर देखी जाती हैं। चीनी सरकार समर्थित ये नौकाएं ड्रैगन के दावे को लेकर भेजी जाती हैं। जिनकी रखवाली करने के लिए चीनी पेट्रोल वेसल भी तैनात होते हैं। जिसके बाद इस इलाके में इंडोनेशिया ने भी अपनी नौसेना की तैनाती बढ़ा दी है।
साउथ चाइना सी के 90 फीसदी हिस्से पर चीन अपना दावा करता है। इस समुद्र को लेकर उसका फिलीपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया, ब्रुनेई और वियतनाम के साथ विवाद है। वहीं, पूर्वी चाइना सी में जापान के साथ चीन का द्वीपों को लेकर विवाद चरम पर है। हाल में ही अमेरिका ने साउथ चाइना सी पर चीन के दावे को खारिज कर दिया था।
साउथ चाइना सी में 'जबरन कब्जा' तेज कर दिया है। कुछ महीने पहले ही चीन ने साउथ चाइना सी की 80 जगहों का नाम बदल दिया। इनमें से 25 आइलैंड्स और रीफ्स हैं, जबकि बाकी 55 समुद्र के नीचे के भौगोलिक स्ट्रक्चर हैं। यह चीन का समुद्र के उन हिस्सों पर कब्जे का इशारा है जो 9-डैश लाइन से कवर्ड हैं। यह लाइन इंटरनैशनल लॉ के मुताबिक, गैरकानूनी मानी जाती है। चीन के इस कदम से ना सिर्फ उसके छोटे पड़ोसी देशों, बल्कि भारत और अमेरिका की टेंशन भी बढ़ गई है।
तुर्की के S-400 से टक्कर
ग्रीस के नए हथियारों का सामना तुर्की के F-16 से तो होगा ही, जो ग्रीस के एयरस्पेस के चक्कर काटते रहते हैं, S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम से भी होगा। तुर्की का समुद्री तेल खोजी शिप ओरुक रीस ग्रीस के द्वीप कस्तेलोरिज़ो के नजदीक रिसर्च गतिविधि को अंजाम दे रहा है। ग्रीस का दावा है कि तुर्की का शिप उसके जलक्षेत्र में ऑपरेट कर रहा है। जबकि, तुर्की ने ग्रीस के दावे को नकारते हुए उस समुद्री हिस्से को अपना बताया है।
इंडोनेशिया से फ्रांस की डील
इससे पहले फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने एक इंटरव्यू में कहा था कि 36 राफेल विमान बेचने को लेकर दक्षिण पूर्वी एशियाई देश इंडोनेशिया के साथ डील फाइनल हुई है। फ्रांस और इंडोनेशिया के बीच रक्षा संबंधों की हाल में ही शुरुआत हुई है। राफेल डील के पहले 2019 में इंडोनेशियाई एयरफोर्स के लिए आठ की संख्या में एयरबस हेलीकॉप्टर H225M हेलिकॉप्टर का सौदा हुआ था।