एस्‍ट्राजेनेका के बाद दूसरा डोज मॉडर्ना वैक्सीन का लेंगे PM Justin Trudeau, नई गाइडलाइंस को माना जा रहा है वजह

गौरतलब है कि एस्ट्राजेनका वैक्सीन भारत में कोविशील्ड ब्रांड नेम से मैन्युफैक्चर की गई है.

Update: 2021-07-02 10:06 GMT

ओट्टावा: कनाडा के प्रधानमंत्री (Canada PM) जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने के मामले में अनूठा प्रयोग कर रहे हैं. उन्‍होंने कोविड वैक्‍सीन का पहला डोज एस्‍ट्राजेनका (Astrazeneca)वैक्‍सीन का लिया था और अब दूसरा डोज मॉडर्ना वैक्सीन का ले रहे हैं. दरअसल, 17 जून को नेशनल एडवाइजरी कमेटी आन इम्यूनाइजेशन (NACI) ने घोषणा की थी कि भले ही पहली डोज एस्ट्राजेनका वैक्‍सीन की ली गई हो तो भी दूसरी डोज मॉडर्ना (Moderna) वैक्सीन की ली जा सकती है.

बनती है बेहतर इम्‍यूनिटी
NACI ने इसे लेकर यह भी कहा था कि ऐसा करने से व्‍यक्ति के शरीर में बेहतर इम्‍यूनिटी बनती है. इसे लेकर NACI ने जर्मनी में हुई स्टडी का हवाला दिया है. स्टडी में सामने आया है कि एस्ट्राजेनका के दोनों डोज लेने के बजाए पहला डोज एस्ट्राजेनका का और दूसरा डोज मॉडर्ना या फाइजर वैक्‍सीन का लेने से कोरोना के खिलाफ बेहतर इम्यूनिटी बन रही है. साथ ही यह अन्य वैरिएंट्स के खतरों के खिलाफ भी ज्यादा असरदार है. यह भी कहा गया है कि ऐसे साक्ष्य हैं कि इस तरह का कॉम्‍बीनेशन व्‍यक्ति को अच्छी सुरक्षा देता है.
दरअसल, अमेरिकी कंपनी द्वारा तैयार की गई मॉडर्ना वैक्‍सीन को दूसरी डोज के तौर पर लेने का निर्णय कनाडाई हेल्थ अथॉरिटीज द्वारा अपडेट की गई गाइडेंस के बाद लिया गया है.
एस्‍ट्राजेनका लेने के बाद हुई समस्‍या
एस्ट्राजेनका के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर कनाडा में हाल ही में नए आंकड़े जारी हुए हैं. कनाडा की पब्लिक हेल्थ एजेंसी इस वैक्‍सीन से होने वाले असर पर नजर रख रही थी और इसमें सामने आया है कि 18 जून तक लगे 3 करोड़ से ज्‍यादा डोज में से 1,719 यानी 0.005 फीसदी मामलों में गंभीर रिएक्शन होने की शिकायतें मिली हैं. एस्ट्राजेनका वैक्सीन लगने के बाद लोगों में गंभीर एलर्जी, खून के थक्के बनने या दुर्लभ प्रकार के सिंड्रोम की समस्याएं मिली हैं. गौरतलब है कि एस्ट्राजेनका वैक्सीन भारत में कोविशील्ड ब्रांड नेम से मैन्युफैक्चर की गई है.


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