इस शहर में 66 दिन बाद लोगों को हुए सूरज के दर्शन, महज एक घंटे के लिए हुआ उजाला, जानें वजह

इस वक्त दुनियाभर के ज्यादातर देशों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है.

Update: 2021-01-24 15:40 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस वक्त दुनियाभर के ज्यादातर देशों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. यही वजह है कि कुछ जगहों पर सूरज बहुत कम समय के लिए दर्शन देता हुआ दिखाई देता है. लेकिन सोचिए तब क्या होगा जब दो महीने से भी ज्यादा वक्त तक सूरज न निकले. हाल ही में अमेरिकी राज्य अलास्का के उत्कियाविक में शुक्रवार के दिन 66 दिन बाद सूरज निकला और वो भी महज एक घंटे के लिए. इस क्षेत्र में पिछले साल 18 नवंबर को सूर्य दिखाई दिया था.


उत्कियाविक में शुक्रवार दोपहर 1:16 बजे सूर्योदय हुआ. इस बीच लोग धूप में घूमने निकले. यहां ज्यादातर मैक्सिको के लोग रहते हैं. आपको बता दें कि यहां इतने दिन तक सूरज नहीं निकलने का मतलब यह नहीं है कि यहां लगातार अंधेरा ही रहा है. दरअसल इसका मतलब यह है कि यहां सूरज तो निकलता है, लेकिन उसकी रोशनी इस जगह तक पहुंच नहीं पाती. जिस वजह से यहां शाम जैसा अंधेरा रहता है.


पोलर लाइट के दौरान काम प्रभावित तो होता है. इस दौरान ज्यादातर शहर रोशनी से जगमगाता रहता है. नतीजतन यहां के लोग ज्यादा लंबे वक्त तक अपने घरों में रहते हैं और एक साथ समय बिताते हैं. 66 दिनों के बीच क्रिसमस का त्योहार सबसे ज्यादा मजेदार होता है. इस मौके पर यहां लोग इकट्‌ठा होकर क्रिसमस सेलिब्रेट करते हैं. पोलर नाइट खत्म होने के बाद सूरज की रोशनी होती है, लोग उसे सकारात्मक उजियारे के तौर पर देखते हैं.

आपको बता दें कि अलास्का एक ध्रुवीय इलाका है, जो आर्कटिक सर्कल की ऊंचाई पर स्थित है. इसलिए सर्दियों में सूरज यहां क्षितिज से ऊपर नहीं आ पाता है. प्रकृति के इस घटनाक्रम को पोलर नाइट कहा जाता है. आम दिनों में यहां का तापमान -5 डिग्री तक रहता है. जबकि पोलर नाइट के दौरान -20 डिग्री तक चला जाता है. इन 66 दिनों में यहां 10-15 फीट तक बर्फ जम चुकी होती है. ऐसे में यहां लोगों को कई मुसीबतों से भी जूझना पड़ता है.


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