अफ्रीकी: चाड के राष्ट्रपति इदरिस डेबी इटनो का मौत

अफ्रीकी देश चाड के राष्ट्रपति इदरिस डेबी इटनो की विद्रोहियों के हमले में मंगलवार को मौत हो गई है

Update: 2021-04-20 12:37 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   अफ्रीकी देश चाड के राष्ट्रपति इदरिस डेबी इटनो की विद्रोहियों के हमले में मंगलवार को मौत हो गई है. वह बीते 30 साल से इस देश के राष्ट्रपति थे. यही नहीं मंगलवार को फिर से चुनावों में उन्हें जीत हासिल हुई थी. सरकारी टीवी पर जारी बयान के मुताबिक विद्रोहियों के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में सेना का नेतृत्व करते हुए बुरी तरह से घायल हो गए थे.

11 अप्रैल को इस देश में चुनाव हुए थे और इदरिस छठी बार देश के राष्ट्रपति चुने गए थे. सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के मुताबिक उन्हें 79.32 फीसदी वोट मिले थे. पूर्व प्रधानमंत्री अल्बर्ट पाहिमी पडाके दूसरे नंबर पर रहे. उन्हें महज 10.32 फीसदी वोट ही मिले. इस बार चुनावों में कोरोना के खतरे के बावजूद 64.81 फीसदी मतदान हुआ था. चाड के इतिहास में पहली बार किसी महिला ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी. लाइडी बीसेमडा को सिर्फ 3.16 प्रतिशत वोट ही मिले थे.

300 से ज्यादा विद्रोही मारे गए
बीते हफ्ते हथियारबंद सैकड़ों विद्रोहियों ने चाड की राजधानी एनजामिना पर हमला बोल दिया था. चाड की सेना ने इन विद्रोहियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की. इस कार्रवाई में 300 से ज्यादा लोगों को मार दिया गया. इस बीच पांच जवान भी मारे गए. बताया जा रहा है कि इन विद्रोहियों ने अपना गढ़ लीबिया को बनाया है. उन्होंने उसी समय हमला करने की योजना बनाई, जब इदरिस डेबी एक बार फिर से राष्ट्रपति चुने जाने वाले थे.

अमेरिका ने जारी की थी चेतावनी
अमेरिका ने कुछ ही दिन पहले हमले की आशंका को लेकर अपने राजनयिकों को चेतावनी जारी की थी. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने चाड स्थिति दूतावास में कार्यरत सभी गैर जरूरी कर्मचारियों व राजनयिकों को तुरंत देश छोड़ने का आदेश दिया था. साथ ही अमेरिकी सुरक्षा बलों के परिवारों को भी तुरंत वापस लौटने को कहा गया था. मंत्रालय ने कहा था, 'सशस्त्र समूह एनजामिना के पास पहुंच चुके हैं. ऐसे में हमले की पूरी आशंका है. इसलिए सभी अमेरिकी वाणिज्य विमानों से देश छोड़ दें.'

लगातार छठी बार जीते थे चुनाव
68 साल के इदरिस डेबी का चाड पर एक तरह से एकछत्र राज था. पिछले 30 साल से वह राष्ट्रपति थे और इस बार फिर से छठी बार चुनाव जीते थे. कुछ साल पहले ही उन्होंने संविधान में बदलाव कर दिया था. इसके मुताबिक वह 2023 तक पद बने रह सकते थे.


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