Afghanistan: अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू, तालिबान ने कहा- काबुल हवाई अड्डे को नियंत्रण में लेने के लिए तैयार

बीस साल तक अफगानिस्तान में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराने के बाद अमेरिकी सेना ने अब पूरी तरह से वापसी शुरू कर दी है

Update: 2021-08-29 12:30 GMT

बीस साल तक अफगानिस्तान में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराने के बाद अमेरिकी सेना ने अब पूरी तरह से वापसी शुरू कर दी है। तालिबान ने कहा है कि वह काबुल हवाई अड्डे को अपने नियंत्रण में लेने के लिए तैयार है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच ही राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी दी है कि एयरपोर्ट पर कभी भी फिर हमला हो सकता है।

अफगानिस्तान से विदेशी नागरिकों और अफगान सहयोगियों को निकालने का अभियान अब लगभग पूरा हो गया है। अमेरिकी सेना की वापसी शुरू होने के दौरान एक हजार नागरिक हवाई अड्डे पर हैं, जिनकी निकासी शेष है।
एयरपोर्ट पर तैनात एक अधिकारी ने बताया कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी विदेशी नागरिकों के यहां से निकलते ही हम अपने सैनिकों की पूरी तरह से वापसी शुरू कर देंगे। इस तरह से 2001 में शुरू हुआ मिशन पूरा जाएगा।
दो सप्ताह में निकाले गए एक लाख 13 हजार से ज्यादा लोग
पिछले दो सप्ताह के दौरान अमेरिका और सहयोगी देशों ने अफगानिस्तान से एक लाख 13 हजार से ज्यादा लोगों को निकालने का कार्य किया है। इसके बाद भी हजारों ऐसे अफगान सहयोगी हैं, जो अभी भी देश छोड़ने का इंतजार कर रहे हैं।
तालिबान के एक अधिकारी ने बताया कि हम अमेरिकी सेना की अंतिम निकासी का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही अमेरिकी सेना का संकेत मिलेगा, हम एयरपोर्ट को अपने नियंत्रण में ले लेंगे। हमारे इंजीनियर और टेक्नीशियन पूरी तरह से तैयार हैं।
बाइडन ने काबुल हवाई अड्डे पर एक और हमले की जताई आशंका
काबुल हवाई अड्डे से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने काबुल हवाई अड्डे पर एक और आतंकी हमले की चेतावनी दी है। बाइडन ने कहा है कि यह हमला किसी भी क्षण हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा है कि गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर हमला करने वाले इस्लामिक स्टेट-खुरासान पर हमले जारी रहेंगे।
विदेश मंत्रालय ने भी हमले की विश्वसनीय जानकारी मिलने के बाद सभी अमेरिकी नागरिकों से काबुल हवाई अड्डे के पास के क्षेत्र को छोड़ देने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि काबुल हवाई अड्डे पर गुरुवार को हुए आत्मघाती बम विस्फोट के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान के नांगरहार में ड्रोन हमले में विस्फोट के दो साजिशकर्ता शीर्ष आतंकियों को मार गिराया है।
इधर एपी के अनुसार, पेंटागन ने गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर मरने वाले अमेरिकी सैनिकों की सूची जारी की है। इनमें 11 मरीन कमांडो, एक नौसेना और एक थल सेना का सैनिक है। इनमें से 12 ऐसे सैनिक हैं, जिनकी उम्र करीब बीस साल है। मरने वालों में सबसे ज्यादा उम्र का जवान 31 साल का था।
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