Afghanistan War: अफगानिस्तान से ब्रिटेन दूतावास के अधिकारियों और कर्मचारियों को वापस लाएंगे- बोरिस जॉनसन

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि पिछले 20 सालों में अफगानिस्तान में जो कुछ किया गया है, उस पर ब्रिटेन को बहुत गर्व हो सकता है. उन्होंने कहा कि मिलिट्री समाधान नहीं है.

Update: 2021-08-13 22:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान पर तालिबान के बढ़ते कब्जे को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कहा कि अगले कुछ दिनों में हम अफगानिस्तान में स्थित ब्रिटेन दूतावास के कर्मचारियों और अधिकारियों को बड़े पैमाने पर वापस लाएंगे. साथ ही कहा कि हम उन अफगानी लोगों को भी वापस लाने के प्रयास तेज करेंगे, जिन्होंने पिछले 20 सालों में ब्रिटेन और इंटरनेशल फोर्से की मदद की है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम उन्हें बाहर निकालने के लिए गृह कार्यालय के अधिकारियों की एक और टीम भेज रहे हैं.

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि पिछले 20 सालों में अफगानिस्तान में जो कुछ किया गया है, उस पर ब्रिटेन को बहुत गर्व हो सकता है. उन्होंने कहा कि मिलिट्री समाधान नहीं है. लेकिन ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के प्रयासों के लिए धन्यवाद, हमने बहुत लंबे समय तक पश्चिम के खिलाफ अल-कायदा का कोई हमला नहीं देखा है.

दक्षिणी सूबे हेलमंद पर तालिबान का कब्जा

इस बीच अफगानिस्तान के जिस दक्षिणी सूबे हेलमंद को गत 20 साल में अधिकतर समय तालिबान से बचाने की ब्रिटिश सेना कोशिश करती रही, उसपर तालिबान ने कब्जा कर लिया है. इसके साथ ही तालिबान ने देश के पश्चिमी प्रांत गोर की राजधानी पर कब्जा कर लिया है. एक अफगान अधिकारी ने ये जानकारी दी. प्रांतीय परिषद के प्रमुख ने कहा कि फिरोज कोह शहर शुक्रवार को विद्रोहियों के कब्जे में आ गया. ये घटना ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही हफ्ते बाद अमेरिका अपने बाकी बचे सुरक्षाबलों को अफगानिस्तान से वापस बुलाने की तैयारी कर रहा है.

हेलमंद की राजधानी लश्कर गाह पर तालिबान के कब्जे की शुक्रवार को हुई पुष्टि की गूंज ब्रिटेन में सुनाई दी क्योंकि अमेरिका और नाटो गठबंधन के साथ अफगानिस्तान में लड़ते हुए जिन 457 ब्रिटिश सैनिकों की मौत हुई थी, उनमें अधिकतर की जान हेलमंद प्रांत में ही गई थी

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