अफगानिस्तान: तीसरे सबसे बड़े शहर पर भी तालिबान का कब्जा, पहुंचा काबुल के करीब
तीसरे सबसे बड़े शहर पर भी तालिबान का कब्जा
काबुल, एपी। आतंकी संगठन तालिबान का अफगानिस्तान में कब्जा बढ़ता ही जा रहा है। उसका गजनी प्रांत की राजधानी गजनी सिटी पर भी कब्जा होने के बाद अब अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर भी कब्जा हो गया है। एएफपी न्यूज एजेंसी के मुताबिक हेरात से सरकारी बल और प्रशासन पीछे हट गए है। महज एक हफ्ते में आतंकियों के कब्जे में आने वाली यह 11वीं प्रांतीय राजधानी है। इस शहर पर कब्जे के साथ ही तालिबान राष्ट्रीय राजधानी काबुल के और करीब पहुंच गया है। बता दें कि काबुल से गजनी महज 130 किलोमीटर दूर है। तालिबान का देश के 34 प्रांतों में से अब ग्यारह पर नियंत्रण हो चुका है। कई अन्य शहरों पर भी कब्जे को लेकर लड़ाई तेज हो गई है।
गजनी के सांसद मुहम्मद आरिफ रहमानी ने बताया कि यह शहर आतंकियों के नियंत्रण में आ गया है। जबकि गजनी की प्रांतीय परिषद के सदस्य अमानुल्लाह कामरानी ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि शहर के बाहर स्थित दो सैन्य ठिकानों पर अफगान बलों का अब भी नियंत्रण है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि गजनी प्रांत के गवर्नर और पुलिस प्रमुख ने सरेंडर करने के बाद तालिबान से डील कर फरार हो गए। तालिबान की ओर से जारी वीडियो और फोटो से यह जाहिर होता है कि सौदे के तहत आतंकियों ने गवर्नर के काफिले को रोका नहीं। इधर, हेलमंद की राजधानी लश्कर गाह में अफगान बलों और तालिबान के बीच लड़ाई चल रही है। अफगान सुरक्षा बलों ने इस शहर को चारों ओर से घेर रखा है। यहां 45 तालिबान आतंकियों को ढेर किया गया है। समाचार एजेंेसी रायटर के अनुसार, कंधार शहर में भी लड़ाई तेज हो गई है। तालिबान ने दावा किया कि उसका कंधार की प्रांतीय जेल पर कब्जा हो चुका है।
इस कारण अहम है गजनी सिटी
गजनी सिटी पर आतंकियों का कब्जा रणनीतिक रूप से अफगान बलों के लिए बड़ा झटका है। क्योंकि यह शहर काबुल-कंधार हाइवे पर स्थित है। यह सड़क काबुल को देश के दक्षिणी प्रांतों से जोड़ती है। इस महत्वपूर्ण मार्ग पर आतंकियों का कब्जा होने से सरकारी बलों के आवागमन के साथ ही रसद और सैन्य साजो-सामान की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
चार लाख लोग हुए विस्थापित
समाचार एजेंसी प्रेट्र के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतेरस के प्रवक्ता ने बताया कि अफगानिस्तान में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इस देश में इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक करीब चार लाख लोग विस्थापित हुए हैं। इनमें से ज्यादातर गत मई के बाद विस्थापित हुए।
वर्चस्व के साथ बर्बरता भी बढ़ी
एएनआइ के मुताबिक, अफगानिस्तान में वर्चस्व बढ़ने के साथ ही तालिबान की बर्बरता भी बढ़ गई है। कंधार प्रांत में 33 लोगों की हत्या की खबर है। जिन लोगों को मारा गया, उनमें सिविल सोसाइटी के लोग, पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता बताए गए हैं।
एक हजार अपराधी किए रिहा
एएनआइ के अनुसार, तालिबान का कई प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा हो गया है। इस आतंकी संगठन ने ऐसे छह शहरों की जेलों में बंद करीब एक हजार अपराधियों को रिहा कर दिया है। रिहा हुए अपराधियों में कई खूंखार आतंकी भी हैं। ये शहर पहले अफगान सरकार के नियंत्रण में थे।