अफगान महिलाओं और कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध करने का तरीका बदला, इस्लामिक अमीरात को दी ये चेतावनी
यूरोन्यूज द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में काबुल में लगाए गए पोस्टर में चेहरे को ढंकने वाले बुर्के की एक छवि दिखाई दे रही है।
अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता लौटने के बाद विरोध कर रही अफगान महिलाओं और कार्यकर्ताओं ने अपने विरोध करने का तरीका बदल दिया है। इस्लामिक अमीरात बलों की हिंसा से बचने के लिए अब महिलाओं ने अपनी मांगों को रात में दीवारों पर लिखकर विरोध करना शुरू किया है। महिला प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने दिन के समय सड़कों पर होने वाली हिंसा से बचने के लिए अब दीवारों पर लिखना शुरू कर दिया है।
विरोध को रखेंगी जारी
टोलो न्यूज ने बताया कि महिलाओं ने अपने शिक्षा के अधिकार, महिलाओं के काम करने के अधिकार, महिलाओं के कपड़ों की पसंद और सामाजिक और राजनीतिक जीवन में महिलाओं को शामिल करने के नारे दीवारों पर लिखे हैं। महिलाओं ने बताया कि वह दीवारों पर लिखकर भी अपने अधिकारों की मांग के लिए लड़ाई को जारी रखना चाहती हैं। इससे वह किसी भी तरह की हिंसा का सामना करने से भी बच सकेंगी। अफगान महिलाओं द्वारा दीवारों पर लिखने के अलावा, घरों में विरोध प्रदर्शन और पुरुषों के कपड़े पहनना विरोध के अन्य नए तरीके हैं।
चुप नहीं रहेंगी महिलाएं
एक प्रदर्शनकारी तमाना रेजाई ने कहा कि हमारे विरोध को धमकियों और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते हमने अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए अपने विरोध के तरीकों को बदल दिया है। एक अन्य प्रदर्शनकारी लेडा ने कहा कि अधिकारों को पाने के लिए विरोध करने का हमारा नया तरीका शहर की दीवारों पर चित्र बनाना है। हमारा विरोध अक्सर तालिबान की हिंसा से मिलता जुलता था। वहीं, एक अन्य महिला प्रदर्शनकारी अजीज गुल ने कहा कि हमें अपने कपड़े, काम और शिक्षा चुनने का अधिकार नहीं है। हम चुप नहीं रहेंगे और इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।
हक न मिलने तक जारी रहेगा विरोध
इस बीच महिला प्रदर्शनकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस्लामिक अमीरात से महिलाओं को उनके अधिकार देने का आह्वान किया। साथ ही इस्लामिक अमीरात को अपनी मांगों के पूरा न होने पर सभी क्षेत्रों में अपने विरोध प्रदर्शन को बढ़ाने की चेतावनी भी दी। महिला अधिकार कार्यकर्ता नवीदा खुरासानी ने कहा कि आज की महिलाएं 20 साल पहले की महिलाएं नहीं हैं। सभी प्रांतों में हमारे विरोध के नए तरीकों का विस्तार होगा और अपनी आवाज उठाने के लिए हम हर संभव तरीके का इस्तेमाल करेंगी। महिला अधिकार कार्यकर्ता दरिया नेशात ने कहा कि हम अपने अधिकार वापस नहीं होने देंगे और अधिकार न मिलने तक हमारा विरोध जारी रहेगा।
महिलाओ को बुर्के में रहने के आदेश
आपको बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता लौटने के बाद अफगान महिलाओं की शिक्षा, काम और लंबी यात्रा पर प्रतिबंध लगाने सहित कई दमनकारी नियम लागू किए गए हैं। तालिबान सत्ता में महिलाओं को धमकाने की घटनाएं एक नई सामान्य बात होती जा रही हैं। तालिबान के मंत्रालय ने पहले ही राजधानी काबुल में चारों ओर पोस्टर लगाकर अफगान महिलाओं को बुर्के में रहने का आदेश दिया था। यूरोन्यूज द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में काबुल में लगाए गए पोस्टर में चेहरे को ढंकने वाले बुर्के की एक छवि दिखाई दे रही है।