तालिबान के आतंक में फंसे अफगानी प्रोफेसर ने बयां किया दर्द, पाकिस्तान को दिया मशवरा

अफगानी प्रोफेसर ने बयां किया दर्द

Update: 2021-08-13 12:09 GMT

Afghanistan Taliban Conflict: अफगानिस्तान की ज्यादातर प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है. अब वो देश की राजधानी काबुल की ओर बढ़ रहा है. काबुल फिलहाल सबसे सुरक्षित जगह मानी जा रही है, जिसके कारण देशभर की प्रांतों से लोग जान बचाकर यहीं शरण ले रहे हैं. लेकिन अमेरिका का कहना है कि तालिबान जिस गति से आगे बढ़ रहा है, वह 90 दिनों के भीतर काबुल को भी अपने कब्जे में ले लेगा. देश के विभिन्न हिस्सों में सेना और सरकारी बलों के बीच हमले जारी हैं, जिसमें अब तक कई आम नागरिक भी मारे गए हैं. हमने जमीनी हकीकत जानने के लिए काबुल की यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर इत्तेहाशम (बदला हुआ नाम) से बात की.

उन्होंने हमें बताया कि देश में शरणार्थी संकट बढ़ रहा है, हर कोई काबुल आ रहा है. यहां लोग पार्क में परिवार सहित जमीन पर सोने को मजबूर हैं. किसी को नहीं पता कि कब कहां से उनपर हमला हो जाए (Afghanistan Taliban Forcibly Displaced Civilians). वह कहते हैं, 'अब हम प्रांतों में नहीं जा सकते क्योंकि सुरक्षा का खतरा है. देश के ही आम लोग इस स्थिति का लाभ उठा रहे हैं. हर चीज के दाम बढ़ गए हैं. जिस जगह जाने के 600 रुपये लगते थे, अब 2000 रुपये तक देने पड़ रहे हैं. बिना सरकार के नियंत्रण के कारण गैस, पेट्रोल हर चीज का दाम बढ़ रहा है. जिंदगी जीने के लिए जो सामान जरूरी होता है, हर उस चीज के दाम बढ़ रहे हैं.'
शरणार्थियों की मदद कर रहे लोग
इसका एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया, 'आज मैंने अपने एक दोस्त से बात की, वो बल्ख से काबुल आया था. उसने मुझे बताया कि पहले वो 600 रुपये देता था और अब 2000 देने पड़ रहे हैं. बहुत से शरणार्थी ऐसे हैं, जिनके पास कुछ खाने के लिए नहीं हैं. इसलिए हम लोगों के लिए पैसे जमा कर रहे हैं, ताकि इन्हें खाना मिल सके.' उन्होंने पाकिस्तान को लेकर कहा कि 'अगर अफगानिस्तान में शांति रहेगी, तभी पाकिस्तान में शांति रहेगी (Normal Lives of Afghan People). अगर अफगानिस्तान में लड़ाई होगी तो पाकिस्तान में भी लड़ाई होगी. तो उनके लिए जो सही है, उन्हें बस आतंकी संगठनों अल कायदा, तालिबान और आईएसआईएस का साथ देना बंद करना होगा.'
हर सेकेंड में आम लोगों पर हो रहा हमला
भारत सहित दुनिया के हर देश को एक अफगानी होने के नाते इत्तेहाशम ने संदेश देते हुए कहा, 'आज हमें आपके साथ की जरूरत है. हमें बस जिंदगी बचाने के लिए आपकी जरूरत है. अफगानी लोगों के खून को बहने से बचाने के लिए हमें आपके साथ की जरूरत है. स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर है. कई प्रांतों में रात को 8 बजे के बाद घर से बाहर कदम भी नहीं रख सकते. इससे पता चलता है कि आप एक जेल में हैं. आप कोई सामान्य जिंदगी नहीं जी रहे हैं. बल्कि जेल में रह रहे हैं. अपने परिवार और दोस्तों के साथ बाहर नहीं जा सकते. यहां तक कि हम दिन के समय भी पार्टी करने के लिए नहीं जा सकते. क्योंकि हमें पता है कि हर सेकेंड आम लोगों पर हमले हो रहे हैं, तो मैं खुद पढ़ा लिखा होने के नाते विदेश जाने का कोई अवसर नहीं छोड़ूंगा.'
सुरक्षित स्थान पर नहीं जाना चाहते अफगानी
उन्होंने आगे कहा, 'इस समय हर कोई देश छोड़ने का सोच रहा है. मैं सभी देशों को संदेश देना चाहता हूं, चाहे वो हमारा साथ दे रहे हैं या नहीं. हमें उनकी मदद की जरूरत इसलिए नहीं है कि हमें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाए. हमें जरूरत केवल इसलिए है कि अफगानिस्तान को हमारे लिए सुरक्षित जगह बना दें. हमारे लिए किसी देश में जाना ठीक नहीं, हम अपने ही देश को सुरक्षित चाहते हैं. हम समय के साथ और ज्यादा मजबूत होंगे.' उन्होंने अमेरिका, चीन और ईरान को लेकर कहा, 'अमेरिका यहां केवल इसलिए रहा क्योंकि इससे वो पूरे एशिया को नियंत्रित करना चाहता था. चीन और ईरान तालिबान के साथ बैठक कर रहे हैं. वो तालिबान से कह रहे हैं कि अगर चीन पर आईएसआईएस या कोई और हमला करे तो तालिबान मदद कर सके. ईरान भी इसलिए तालिबान का इस्तेमाल कर सकता है.'
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