पाकिस्तान पर भड़के अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, किया ये दावा

तालिबान के बढ़ते खतरे के बीच पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जुबानी जंग जारी है

Update: 2021-07-17 12:11 GMT

Pakistan Supports Taliban: तालिबान के बढ़ते खतरे के बीच पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जुबानी जंग जारी है. अब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) तालिबान का समर्थन करने को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और वहां की सेना पर भड़के हैं. उन्होंने उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान से बीते महीने 10 हजार से ज्यादा जिहादी लड़ाके अफगानिस्तान में आए हैं.


काबुल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, गनी ने शुक्रवार को मध्य और दक्षिण एशिया क्षेत्रीय संपर्क सम्मेलन में जब ये बातें कहीं, तब वहां इमरान खान भी मौजूद थे. गनी ने कहा, 'प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके जनरल द्वारा बार-बार यही आश्वासन दिया गया है कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा पाकिस्तान के हित में नहीं है. उन्होंने अपनी ताकत का उपयोग कर तालिबान को बातचीत की मेज पर लाने की बात कही लेकिन ऐसा नहीं कर पाए (Pakistan Afghanistan Latest News). और अब तालिबान का समर्थन करने वाले संगठन खुलेतौर पर अफगान लोगों और देश की संपत्ति के विनाश का जश्न मना रहे हैं.'


उपराष्ट्रपति भी पाकिस्तान पर भड़के
राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान तब तक तालिबान और उसके समर्थकों का मुकाबला करने को तैयार है, जब तक उन्हें ये अहसास नहीं हो जाता कि राजनीतिक समाधान ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है (Pakistan Helps Taliban). इससे पहले गुरुवार को देश के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा था कि पाकिस्तान की वायु सेना अफगान सेना को मिसाइल हमले करने की धमकी दे रही है. पाकिस्तान की सेना ने कहा है कि अगर अफगान सैनिक तालिबान को स्पिन बोल्डक इलाके से हटाने की कोशिश करते हैं तो पाकिस्तान उनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा.

इमरान खान ने आरोप खारिज किए
पाकिस्तान पर हमेशा से ही तालिबान को मदद देने और अफगानिस्तान में आतंक फैलाने का आरोप लगता आ रहा है. इसे लेकर एक दिन पहले ही इमरान खान ने कहा था कि अफगानिस्तान में जो कुछ हो रहा है और तालिबान जो कुछ कर रहा है, उसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है (Afghanistan Slams Pakistan). गौरतलब है कि अफगानिस्तान में 20 साल से जंग जारी है और अब विदेशी सैनिकों की वापसी हो रही है. विदेशी सैनिकों की वापसी को तालिबान अपनी जीत के तौर पर देख रहा है और देश पर कब्जा करता जा रहा है


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