तालिबानियों ने अफगान लोक गायक की गोली मारकर कर दी हत्या
अफगानिस्तान में कब्जे के बाद तालिबान ने शरिया का कानून लागू करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तालिबान के एक लड़ाके ने अशांत पर्वतीय प्रांत में संदिग्ध परिस्थितियों में एक अफगान लोक गायक की गोली मारकर हत्या कर दी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अफगानिस्तान में कब्जे के बाद तालिबान ने शरिया का कानून लागू करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तालिबान के एक लड़ाके ने अशांत पर्वतीय प्रांत में संदिग्ध परिस्थितियों में एक अफगान लोक गायक की गोली मारकर हत्या कर दी। उनके परिवार ने रविवार को यह जानकारी दी। लोक गायक फवाद अंद्राबी को शुक्रवार को अंद्राबी घाटी में गोली मारी गई। अंद्राबी का नाम इसी घाटी के नाम पर है। तालिबान के कब्जे के बाद से घाटी में उथल-पुथल देखी गई थी।
करीब एक महीने पूर्व काबुल पर कब्जे से पहले तालिबान द्वारा हास्य कलाकार खाशा ज्वान के नाम से मशहूर नजर मोहम्मद को थप्पड़ मारने और गाली देने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था है। बाद में उसे गोली मार कर हत्या कर दी गई। यह हास्य कलाकार भी अफगान नेशनल पुलिस का सदस्य था और उसे तालिबानियों की यातना कर मारा गया। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने स्वीकार किया था कि खाशा ज्वान को थप्पड़ मारने वाले दोनों लोग तालिबानी थे।
क्षेत्र के कुछ जिले तालिबान शासन का विरोध जताने वाले मिलीशिया लड़ाकों के नियंत्रण में आ गए थे। तालिबान का कहना है कि उन्होंने उन क्षेत्रों को वापस ले लिया है। हालांकि हिंदू कुश पहाड़ों में स्थित पंजशीर अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से केवल एक ऐसा प्रांत है जो उसके नियंत्रण में नहीं है।
अंद्राबी के परिवार ने दी जानकारी
लोक गायक के बेटे जवाद अंद्राबी ने बताया कि तालिबान पहले उनके घर की तलाशी ली। उनके बेटे ने कहा, 'वह निर्दोष थे, वह एक गायक थे जो केवल लोगों का मनोरंजन कर रहे थे। उन्होंने उन्हें सिर में गोली मार दी।' उनके बेटे ने कहा कि वह न्याय चाहते हैं और एक स्थानीय तालिबान परिषद ने उनके पिता के हत्यारे को दंडित करने का वादा किया है। दूसरी ओर, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बताया कि घटना की जांच की जाएगी, लेकिन हत्या के बारे में कोई अन्य जानकारी नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र ने हत्या पर चिंता जताई
इस बीच सांस्कृतिक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत करीमा बेन्नौने ने ट्विटर पर लिखा कि उन्हें अंद्राबी की हत्या पर 'गंभीर चिंता' है। उन्होंने लिखा, 'हम सरकारों से आह्वान करते हैं कि तालिबान कलाकारों के मानवाधिकारों का सम्मान करें।' एमनेस्टी इंटरनेशनल की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने भी इसी तरह हत्या की निंदा की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'इस बात के सबूत हैं कि 2021 का तालिबान 2001 के असहिष्णु, हिंसक, दमनकारी तालिबान जैसा ही है। 20 साल बाद। उस मोर्चे पर कुछ भी नहीं बदला है।'