अफगान सेना के हवाई हमले तेज, 30 से ज्यादा आतंकी मारे गए
अफगानिस्तान के पूर्वी कुनार में शुक्रवार को तालिबान के 20 आतंकियों को एक हवाई हमले में मार गिराने के बाद अफगान वायुसेना ने दो और प्रांतों में एयर स्ट्राइक कीं।
अफगानिस्तान के पूर्वी कुनार में शुक्रवार को तालिबान के 20 आतंकियों को एक हवाई हमले में मार गिराने के बाद अफगान वायुसेना ने दो और प्रांतों में एयर स्ट्राइक कीं। इन दोनों हमलों में तालिबान के 30 से ज्यादा आतंकी मारे गए जबकि 17 अन्य घायल हो गए हैं। देश के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को इसकी पुष्टि की है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के बयान के हवाले से बताया है कि उत्तरी जज्जान प्रांत की प्रांतीय राजधानी शिबरघन के बाहरी इलाके में मुर्गब और हसन तब्बिन गांवों में युद्धक विमानों ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस कार्रवाई में 19 आतंकी ढेर हो गए और 15 अन्य घायल हो गए।
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, दक्षिणी हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह के बाहरी इलाके में वायु सेना के हमले में दो गैर-अफगान आतंकियों समेत 14 तालिबान मारे गए, जबकि दो अन्य घायल हो गए। इस पूरी कार्रवाई में तीन वाहन, छह मोटरसाइकलें, दो बंकर और आतंकियों के बड़ी मात्रा में रखे गए हथियार और गोला-बारूद नष्ट कर दिए गए। बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान के 419 जिलों में से आधे पर अपना कब्जा अमेरिका व नाटो सेनाओं की वापसी के साथ ही जमा लिया है।
बाइडन ने गनी को दिया समर्थन, 10 करोड़ डॉलर की मदद भी देंगे
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के कई इलाकों में कब्जा जमाने के बीच राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी को अमेरिका की तरफ से राजनयिक और मानवीय समर्थन का आश्वासन दिया है। बाइडन ने अफगानिस्तान में बढ़ते शरणार्थी संकट के समाधान के लिए 10 करोड़ डॉलर की आपातकालीन मदद देने को भी कहा है। व्हाइट हाउस ने कहा, इस संबंध में बाइडन और गनी के बीच फोन पर बात हुई है। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए है कि तालिबान का हमला शांति समझौते का उल्लंघन है। बाइडन ने गनी से कहा कि अमेरिका राजनयिक रूप से अफगानिस्तान के साथ जुड़ा रहेगा।
तालिबान को आकर्षित कर रहे आईएस आतंकी : रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इराक में आईएस और लेवंत-खोरासान गुट के आतंकी नेता इन दिनों तालिबान और दूसरे आतंकियों को अपनी तरफ आकर्षित करने में जुटे हैं। ये तालिबान व अन्य ऐसे आतंकियों को लुभाने में जुटे हैं जो अमेरिका और अफगान-तालिबान के बीच हुए शांति समझौते को अस्वीकार करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये हालात युद्ध से तबाह देश के लिए और भी बड़ा खतरा साबित होंगे। इराक में आईएस और लेवंत-खुरासान गुट दुनियाभर के अन्य संघर्षरत क्षेत्रों से लड़ाकों की भर्ती भी कर रहे हैं। इन गुटों ने 2020 में कुनार और नंगरहार प्रांतों में उनके नेतृत्व और वित्तीय नुकसान के बाद नूरिस्तान, बदघिस, बगलान, बदख्शां व कुंदुज में स्लीपर सेल गठित कर लिया। इनमें अफगान, पाक, भारत, बांग्लादेश और म्यामांर के लोग शामिल हैं।
पाक ने अफगान सीमा पर भेजे सैनिक
पाकिस्तान के डॉन अखबार ने शनिवार को बताया है कि अमेरिकी व नाटो सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी को देखते हुए पाक ने अफगान सीमा की अग्रिम चौकियों पर अपने सैनिकों को तैनात कर दिया है। गृहमंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि बलोचिस्तान और गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले अन्य लड़ाकों को सीमा पर गश्त से वापस बुला लिया गया है। इन्हें सीमा पर तैनाती दी गई है।
अफगानों के पुनर्वास में तेजी लाएगा कनाडा
कनाडा सरकार ने कहा है कि वह उन अफगानों के पुनर्वास में तेजी लाएगी जिन्होंने पिछले 20 वर्षों में कनाडा के साथ काम किया। हालांकि, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि कौन इसका पात्र होगा या इस वक्त तालिबान से खतरे का सामना कर रहे लोग कब आने शुरू होंगे। आव्रजन मंत्री मार्को मेंडिसिनो ने कहा कि हजारों लोग उसके पात्र हो सकते हैं। 2008 व 2012 में भी 800 अफगान नागरिकों व उनके परिवारों का पुनर्वास किया जा चुका है।