शादी से पहले महिलाओं को HPV वैक्सीन की सलाह, सेक्स से फैलता है कैंसर का वायरस, भारतीय जरूर ध्यान दें!

Update: 2022-02-08 04:48 GMT

नई दिल्ली: यूएई में महिलाओं को शादी से पहले ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) का टीका लेने और टेस्ट कराने के लिए कहा जा रहा है ताकि उनमें गर्भाशय के कैंसर (Cervical Cancer) के खतरे को कम किया जा सके. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, सर्विकल कैंसर विश्वभर में महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है. WHO के अनुसार, 2020 में सर्विकल कैंसर के 6, 04,000 नए मामले सामने आए थे और 3 लाख 42 हजार महिलाओं का मौत सर्वाइकल कैंसर से हुई थी. WHO के मुताबिक, HPV मुख्यत: शारीरिक संबंध बनाने से फैलता है और अधिकतर लोग सेक्सुअल एक्टिविटी के बाद ही इससे संक्रमित होते हैं. इस वायरस से बार-बार संक्रमित होने से सर्विकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

अबू धाबी हेल्थ सर्विसेज कंपनी (SEHA) ने कहा कि सर्विकल कैंसर को जागरुकता से रोका और इलाज किया जा सकता है. इसे रोकने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय टीकाकरण है. SEHA ने 13 से 26 वर्ष की सभी महिलाओं से HPV वैक्सीन लेने का आग्रह किया है.
SEHA ने खलीज टाइम्स से बात करते हुए कहा, 'टीकाकरण और प्रारंभिक जांच गर्भाशय के कैंसर को खत्म करने और इसे ठीक करने में मदद कर सकती है. हम लड़कियों की शादी से कुछ साल पहले टीकाकरण कराने की सलाह देते हैं.'
SEHA ने यूएई की महिलाओं को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक महिला की कहानी बताई. 28 वर्षीय महिला शादी के दो सालों बाद भी गर्भवती नहीं हो पा रही थी. बाद में जांच में पता चला कि उसे सर्विकल कैंसर है. इलाज के बाद वो महिला बिल्कुल ठीक हो गई.
यूएई के मदीनत खलीफा हेल्थकेयर सेंटर के प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शाहद फैसल अल आयला का कहना है कि सर्विकल कैंसर में अगर जल्दी ट्रीटमेंट हो जाए तो महिला बिल्कुल ठीक हो सकती है.
भारत में भी बड़ा है सर्विकल कैंसर का खतरा
सर्विकल कैंसर भारतीय महिलाओं में भी होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है. भारत में महिलाएं शर्म के कारण या अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के कारण शुरुआती स्टेज में डॉक्टर के पास नहीं जातीं. जब तक वो डॉक्टर के पास जाती हैं, कैंसर एडवांस स्टेज में पहुंच चुका होता है और ऐसे में मौत का खतरा काफी बढ़ जाता है.
ये कैंसर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के कारण शरीर में फैलता है. यौन संबंध के माध्यम से ये महिला के शरीर में पहुंचता है. अच्छी बात ये है कि 90 फीसद मामलों में वायरस का ये संक्रमण अपने आप नष्ट हो जाता है. अधिकतर महिलाओं को ये कैंसर 45 की उम्र के बाद होता है.
क्या हैं इसके लक्षण?
-मासिक धर्म खत्म होने के बाद भी रक्तस्राव का होना
-सेक्स के बाद ब्लीडिंग
-वजाइनल इंफेक्शन का बार-बार होना और पेशाब के बाद जलन होना
-मेनोपोज के बाद भी रक्तस्राव का होना
-सफेद वजाइनल डिस्चार्ज का होना
-एडवांस स्टेज के सर्वाइकल कैंसर में कमर, पैरों- हड्डियों में दर्द


Tags:    

Similar News

-->