अमेरिकी प्रशासन और सीबीआइ की फर्जी स्कीम के खिलाफ कार्रवाई...ऐसे हुआ मास्टरमाइंड का पर्दा फाश

मास्टरमाइंड अमेरिकी नागरिक था, लेकिन इसे भारत स्थित कॉल सेंटरों के माध्यम से अंजाम दिया जा रहा

Update: 2020-10-16 14:24 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) और अमेरिकी न्याय विभाग ने तकनीक की सहायता से चलाई जा रही फर्जी स्कीम पर एक साथ कार्रवाई की है। इसका मास्टरमाइंड अमेरिकी नागरिक था, लेकिन इसे भारत स्थित कॉल सेंटरों के माध्यम से अंजाम दिया जा रहा था। इस योजना के माध्यम से अमेरिका में रहने वाले सैकड़ों बुजुर्गो को चूना लगाया गया।

अमेरिकी न्याय विभाग ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि कैलिफोर्निया के ग्लेनडेल निवासी 59 वर्षीय माइकल ब्रायन कोटर ने भारत रहने वाले अपने गुर्गो की मदद से इसे अंजाम दिया। अमेरिका में दायर एक शिकायत के जवाब में संघीय अदालत ने कोटर और पांच कंपनियों को इस तरह की योजना से अलग रहने का आदेश दिया है।

शिकायत के अनुसार आरोपितों ने अमेरिकी उपभोक्ताओं से इंटरनेट पॉप-अप संदेशों के माध्यम से संपर्क किया। यह संदेश माइक्रोसाफ्ट या किसी अन्य प्रसिद्ध कंपनी द्वारा सिक्योरिटी अलर्ट के तौर पर उन्हें दिखाई दिए। संदेशों में इस बात का दावा किया गया कि उपभोक्ता के कंप्यूटर में वायरस और अगर वे उसे खत्म करना चाहते हैं तो इस टोल-फ्री नंबर पर संपर्क करें। जब पीडि़तों ने टोल-फ्री नंबर पर कॉल किया वे भारत स्थित कॉल सेंटर से जुड़े। कॉल सेंटर के कर्मचारियों ने पीडि़तों से कहा कि वे उन्हें अपने कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस दें। कथित तौर पर समस्याओं का निदान करने के बाद उपभोक्ताओं से सैकड़ों डॉलर का भुगतान करने के लिए कहा।

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