शोधकर्ताओं के अनुसार अंग प्रत्यारोपण कराने वाले रोगीयों को covid वैक्सीन के बूस्टर डोज से लाभ
घातक और जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा सबसे पहले वैसे लोगों पर मंडरा रहा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | घातक और जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा सबसे पहले वैसे लोगों पर मंडरा रहा है जो पहले से दूसरी बीमारियों से जूझ रहे हैं। इस क्रम में यह बात सामने आई है कि अंग प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों को कोरोना वैक्सीन का बूस्टर से फायदा हो सकता है। बूस्टर के तौर पर कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज लाभकारी हो सकती है। दरअसल कनाडा में किए गए एक रिसर्च में इस बात का दावा किया गया है।
बूस्टर डोज का मिलेगा फायदा
कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव को लेकर अंग प्रत्यारोपण वाले मरीजों पर कोरोना वैक्सीन के असर को आंकने के लिए किए गए अध्ययन में दावा किया गया है कि बूस्टर के तौर पर दी गई तीसरी डोज फायदेमंद साबित हो सकती है। यह अध्ययन कनाडा के शोधकर्ताओं ने किया है।
120 मरीजों पर हुआ रिसर्च
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह अध्ययन अंग प्रत्यारोपण वाले उन 120 मरीजों पर किया गया, जिनको वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी। इनमें से कोई भी पहले से कोरोना संक्रमित नहीं था। इन प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित करने के बाद अध्ययन किया गया। एक समूह को वैक्सीन की तीसरी डोज लगाई गई। इसके बाद एंटीबाडी के आधार पर परीक्षण किया गया।
तीसरे डोज के बाद बढ़ा रिस्पांस रेट
शोधकर्ताओं ने उन प्रतिभागियों में रिस्पांस रेट 55 फीसद पाया, जिन्हें वैक्सीन की तीसरी डोज लगाई गई थी। जबकि वैक्सीन की तीसरी डोज नहीं पाने वाले प्रतिभागियों में यह प्रतिक्रिया दर महज 18 फीसद पाई गई। अध्ययन के नतीजों को न्यू इंग्लैंड जर्नल आफ मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि अंग प्रत्यारोपण वाले मरीजों में वैक्सीन की तीसरी डोज से काफी हद तक उच्च स्तर पर प्रतिरक्षा पाई गई। यह बात दोनों समूहों के प्रतिभागियों के डाटा के विश्लेषण के आधार पर सामने आई है।
2019 के अंत में सबसे पहला कोरोना संक्रमण का मामला चीन के वुहान में आया था और 2020 के मार्च में यह इस हद तक बढ़ गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया।