नए अध्ययन के मुताबिक! लंबी अवधि तक कोरोना के मरीज रहे लोगों को हृदय संबंधी तकलीफ भी
कार्डिएक इमेज से पता चला कि उनके दिल की हालत अच्छी नहीं है।
एक नए अध्ययन के मुताबिक कोविड-19 के जिन मरीजों को ठीक होने के एक साल बाद भी शारीरिक गतिविधियों के दौरान सांस लेने में तकलीफ होती है, उनके हृदय को संभवत: क्षति पहुंची है।
कोविड-19 के कारण श्वसन और हृदय संबंधी परेशानियों की शिकायतें ज्यादा सामने आने लगी हैं। लंबे समय तक वैश्विक महामारी कोविड-19 रहने की सूरत में दमा, सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं। शोधकर्ताओं ने अब यह जानने की कोशिश की है कि क्या कोरोना पूरी तरह से ठीक होने के बाद हृदय संबंधी तकलीफ शुरू हो जाती है। बेल्जियम की ब्रुसेल्स यूनिवर्सिटी अस्पताल की डा. मारिया लुजा लुशियन ने बताया कि उनके शोध में पाया गया कि कोविड-19 के हर तीसरे मरीज को हृदय संबंधी रोग हो जाते हैं।
इस शोध में कोरोना के 66 मरीजों पर अध्ययन किया गया जिनको पहले से कोई हृदय रोग नहीं था। यह सभी मरीज मार्च और अप्रैल 2020 के बीच अस्पताल में भर्ती हुए थे। अस्पताल से छुट्टी मिलने के एक साल बाद इन मरीजों पर चेस्ट कंप्यूटेड टोमोग्राफी समेत कई परीक्षण किए गए, ताकि फेफड़े पर कोविड के प्रभाव को परखा जा सके। मरीजों की कार्डिएक इमेज से पता चला कि उनके दिल की हालत अच्छी नहीं है।