नई दिल्ली: अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल पुराने गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को समाप्त कर दिया है. इस फैसले के बाद राजनैतिक बहस शुरू हो गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की निंदा की और कहा कि अमेरिकी महिलाओं का स्वास्थ्य और जीवन अब खतरे में है. फैसले के बाद व्हाइट हाउस को संबोधित करते हुए बाइडेन ने कहा- यह अदालत और देश के लिए दुखद दिन है.
राष्ट्रपति बाइडेन ने आगे कहा कि महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए अपनी क्षमता अनुसार हरसंभव प्रयास करेंगे. बाइडेन ने प्रजनन अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखने का वादा किया. उन्होंने ये भी कहा कि कोई भी कार्यकारी आदेश किसी महिला को चुनने के अधिकार की गारंटी नहीं दे सकता है.
बता दें कि एक दिन पहले ही अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने डॉब्स (Dobbs) बनाम महिला स्वास्थ्य संगठन गर्भपात केस में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने रो बनाम वेड (Roe v Wade) मामले में गर्भपात के ऐतिहासिक फैसले को पलट दिया है. कोर्ट ने गर्भपात के संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर दिया है.
जो बाइडेन ने कोर्ट के फैसले को गलत बताया है. उन्होंने गर्भपात के लिए संवैधानिक सुरक्षा की मांग करने वालों से खास अपील भी की है. बाइडेन ने विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हिंसा कभी स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि आज का दिन अदालत और देश के लिए एक दुखद दिन है. मैं ये स्पष्ट कर दूं कि पूरे देश में महिलाओं का स्वास्थ्य और जीवन अब खतरे में है.
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा जताई. उन्होंने कहा कि अमेरिका की जनता से संवैधानिक अधिकार छीन लिया गया है. उन्होंने अमेरिकी लोगों से एकजुट होने की भी अपील की है. आगे कहा कि अमेरिका में लाखों महिलाएं स्वास्थ्य देखभाल और प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच के बिना आज रात बिस्तर पर जाएंगी. यह एक हेल्थ केयर संकट है. कमला हैरिस ने अमेरिकियों से गर्भपात के अधिकारों के रक्षा के लिए एक साथ खड़े होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि ये फैसला देश को पीछे की ओर ले जा रहा है.
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की निंदा की. उन्होंने इसे लाखों अमेरिकियों द्वारा अनुभव की गई 'जरूरी स्वतंत्रता' पर हमला बताया है. ओबामा ने ट्वीट किया- आज, सुप्रीम कोर्ट ने ना सिर्फ 50 साल के इतिहास को पलट दिया, बल्कि राजनेताओं और विचारकों की सनक के लिए सबसे गहन व्यक्तिगत निर्णय को खारिज कर दिया.
अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए गर्भपात का संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिया है. ऐसा कर कोर्ट ने अपने ही पांच दशक पुराने उस ऐतिहासिक फैसले को बदल दिया है जहां पर महिलाओं को गर्भपात करवाने का कानूनी दर्जा दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि संविधान गर्भपात का अधिकार नहीं देता है. हमारी तरफ से 'रो वी वेड' केस को खारिज कर दिया गया है. कोर्ट ने ये जरूर कहा है कि अमेरिका के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने नियम-कानून बना सकते हैं.