अमेरिका में गर्भपात के मामले बढ़े, पांच में से एक गर्भवती महिला ने कराया गर्भपात
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वाशिंगटन. अमेरिका में गर्भपात कराने के मामलों वृद्धि हुई है. लंबे समय तक मामले कम रहने के बाद गर्भपात के मामलों की संख्या में 2017 की तुलना में 2020 में बढ़ोतरी दर्ज की गई. बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करने वाले एक शोध समूह 'गुट्टमाकर इंस्टीट्यूट' की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में अमेरिका में 9,30,000 से अधिक गर्भपात के मामले सामने आए. जबकि यह आंकड़ा 2017 में करीब 8,62,000 था.
समाचार एजेंसी 'एपी' की एक खबर के मुताबिक अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के 1973 के फैसले के बाद से 2017 में अमेरिका में राष्ट्रीय स्तर पर गर्भपात के आंकड़े सबसे कम थे. उच्चतम न्यायालय ने 1973 के अपने फैसले में देश भर में गर्भपात की प्रक्रिया को वैध बना दिया था. रिपोर्ट के अनुसार 2020 में हर पांच गर्भवती महिलाओं में से एक ने गर्भपात कराया. यह आंकड़े ऐसे समय में बढ़ रहे हैं, जब शीर्ष अदालत 1973 के फैसले को पलटने की तैयारी में है.
जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य कानून एवं नीति की प्रोफेसर सारा रोसेनबाउम ने कहा कि गर्भपात कराने वाली महिलाओं की संख्या एक जरूरत को दर्शाती है. ये इस बात को साफ करती है कि सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय एक अत्यंत महत्वपूर्ण सेवा तक पहुंच के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है. 'गुट्टमाकर इंस्टीट्यूट' के मुताबिक 2020 में सामने आए मामलों में से 54 प्रतिशत महिलाओं ने गर्भपात के लिए दवाओं का सहारा लिया. जिसके लिए उन्होंने 'गर्भपात की गोली' आदि ली. हालांकि, कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण कुछ राज्यों में गर्भपात के मामलों में कमी भी आई है.
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रिपोर्ट के अनुसार न्यूयॉर्क में गर्भपात के मामलों में 2017 की तुलना में 2019 में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. लेकिन फिर 2019 और 2020 के बीच इसमें छह प्रतिशत गिरावट आई. वहीं टेक्सास में इस अवधि में गर्भपात के मामलों में दो प्रतिशत की कमी आई. रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने पाया कि 2020 में कम महिलाएं गर्भवती हुईं और जो हुईं उनमें से बड़ी संख्या में महिलाओं ने गर्भपात करा लिया. जबकि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2020 में गर्भपात की दर 15-44 आयु वर्ग में प्रति 1,000 महिलाओं पर 14.4 थी. जो 2017 में प्रति 1,000 महिलाओं पर 13.5 थी. पश्चिम में गर्भपात में 12 प्रतिशत, मिडवेस्ट में 10 प्रतिशत, दक्षिण में आठ प्रतिशत और पूर्वोत्तर में प्रतिशत की वृद्धि हुई है.