दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया है.
भारत पिछले साल लश्कर ए तैयबा के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए यूएन में प्रस्ताव लाया था. लेकिन चीन ने इस पर अड़ंगा लगा दिया था. जून में भारत ने इस मुद्दे पर चीन की फटकार भी लगाई थी. भारत ने जून 2022 में आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाने पर चीन की आलोचना की थी. यूएन ने अपने बयान में कहा, 16 जनवरी 2023 को सुरक्षा परिषद समिति ने आईएसआईएल, अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत अब्दुल रहमान मक्की को प्रतिबंधित लिस्ट में डाला है. अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकवादियों को लिस्टेड करने पर UNSC के प्रस्ताव के मुताबिक, मक्की अब धन का इस्तेमाल नहीं कर सकता है, वह हथियार खरीद नहीं कर सकता और अधिकार क्षेत्र से बाहर यात्रा भी नहीं कर सकता. भारत और अमेरिका ने मक्की को अपने कानूनों के तहत पहले ही आतंकवादियों की लिस्ट में डाल रखा है.
अब्दुल रहमान मक्की टेरर फंड इकट्ठा करने, युवाओं को हमले के लिए उकसाने, भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश रचता रहा है, खासकर जम्मू कश्मीर में. मक्की लश्कर ए तैयबा चीफ और मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद का साला है. लश्कर के कई ऑपरेशन्स में मक्की का हाथ रहा है. वह लश्कर के ऑपरेशन्स के लिए फंड भी जुटाता रहा है. मक्की लश्कर ए तैयबा का डिप्टी चीफ है. वह लश्कर की राजनीतिक पार्टी जमाद उद दावा का चीफ भी है. मक्की भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए ही जाना जाता है. साल 2010 में भारत विरोधी बयान को लेकर वह सुर्खियों में भी रह चुका है. उसने पुणे के जर्मन बेकरी में धमाके के आठ दिन पहले मुजफ्फराबाद में भाषण दिया था और पुणे समेत भारत के तीन शहरों में आतंकी हमले करने की धमकी दी थी. भारत की मांग पर अमेरिका ने मक्की को आतंकी घोषित किया था.
यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के मुताबिक, 2020 में पाकिस्तान के एंटी टेररिज्म कोर्ट ने मक्की को टेरर फाइनेंसिंग के केस में दोषी पाया था. चीन पिछले कुछ से पाकिस्तानी आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में बाधाएं डालता रहा है. चीन संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्तावों पर बार-बार अड़ंगा लगाता रहा है.