शोधकर्ताओं की एक टीम ने पहली स्प्रे करने योग्य कोटिंग विकसित की, बैक्टीरिया से भी होगा बचाव

कोटिंग ने 99.85 प्रतिशत और 99.94 प्रतिशत बैक्टीरिया के विकास को सफलतापूर्वक रोका। वहीं, वायरस के संक्रमण में भी 11 गुना की कमी देखी गई।

Update: 2022-07-23 08:39 GMT

ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं की एक टीम ने अपनी तरह की पहली स्प्रे करने योग्य कोटिंग विकसित की है, जो कोविड-19 सहित बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण को सतह पर फैलने से रोक सकती है। यह कोटिंग कीटाणुओं को रोकने के लिए विश्वसनीय विकल्प प्रदान करती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह स्प्रे सतहों को वायरस द्वारा दूषित होने से बचाने के लिए एकमात्र स्थायी सतह परत है। यह कीटाणुनाशक के मौजूदा विकल्पों की तुलना में सुरक्षित है, जिसमें कोई हानिकारक पक्ष नहीं है। यह अधिक स्थिर और प्रभावशाली और शक्तिशाली है।


स्प्रे दो तरह से करता है काम : शोधकर्ताओं ने कहा, जर्नल एडवांस्ड साइंस में वर्णित, स्प्रे दो तरह से काम करता है। एक हवा से भरे अवरोध के माध्यम से वायरस और बैक्टीरिया को खदेड़ना है। दूसरा, स्प्रे प्लास्टिक के संयोजन का उपयोग करता है जिसे बुलेट-प्रूफ ग्लास के विकल्प के रूप में माना जाता है। दरअसल, सतहों के संपर्क के माध्यम से वायरल और बैक्टीरियल रोगजनकों का प्रसार दुनिया भर में संक्रमण का एक प्रमुख कारण है। मेलबर्न यूनिवर्सिटी के ग्रीम क्लार्क इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर डेविड निस्बेट ने कहा, सतह का संदूषण एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया के उपभेदों के विकास में भी एक प्रमुख भूमिका निभाता है। सिडनी यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर एंटोनियो टिकोली ने कहा, अन्य वायरस जैसे कि रियोवायरस, जो सर्दी या दस्त का कारण बन सकते हैं, उदाहरण के लिए, कई हफ्तों तक सतहों पर रह सकते हैं, जिससे खासतौर पर बच्चों और वृद्धों को काफी परेशानी ङोलनी पड़ सकती है।

बैक्टीरिया के विकास को सफलतापूर्वक रोका: टिकोली ने कहा, यह स्प्रे एक कमल के पत्ते की तरह है। सतह पर स्प्रे एक लेप बनाता है जो पानी को पीछे हटाता है। क्योंकि रोगजनक पानी में रहना पसंद करते हैं, लेकिन वे बूंदों में फंस जाते हैं और सतह को संदूषण से बचाते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा, अतीत में, स्प्रे को किसी भी सतह पर सफलतापूर्वक लागू किया गया था, उदाहरण के लिए, ब्लाटिंग पेपर, प्लास्टिक, ईंटें, टाइलें, कांच और धातु। कोटिंग ने 99.85 प्रतिशत और 99.94 प्रतिशत बैक्टीरिया के विकास को सफलतापूर्वक रोका। वहीं, वायरस के संक्रमण में भी 11 गुना की कमी देखी गई।

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