सऊदी अरब की एक महिला को उसकी ट्विटर पोस्ट को लेकर 34 साल कैद और इतने ही वर्षों के यात्रा प्रतिबंध (Travel Ban) की सजा सुनाई गई है. 34 साल की सलमा अल-शेहाब (Salma al-Shehab) को ट्विटर के जरिये देश के असंतुष्टों (Dissidents) और लोकतंत्र समर्थकों (Supporters of Democracy) को फॉलो करने और उनकी पोस्ट को रीट्वीट (Retweet) करने पर यह सजा दी गई है. दो बच्चों की मां सलमा ब्रिटेन (Britain) के लीड्स विश्वविद्यालय (Leeds University) में पीएचडी की छात्रा (PhD Student) हैं और 2020 में छुट्टियों में घर आई थीं.
सलमा अल-शेहाब अपने बच्चों और पति के ब्रिटेन ले जाने के लिए आई थीं लेकिन तब उनकी देश विरोधी गतिविधियों को लेकर पूछताछ होने लगी और आखिरकार सऊदी अरब की अदालत ने उन्हें 34 साल की सजा सुना दी. इससे पहले उन्हें एक इंटरनेट वेबसाइट के इस्तेमाल द्वारा सार्वजनिक अशांति पैदा करने, नागरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने के जुर्म में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी लेकिन सोमवार को वकील ने उनके खिलाफ अन्य आरोप पेश किए तो उनकी सजा बढ़ा दी गई. सलमा को सऊदी अरब की आतंकी मामलों की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है.
ऐसी है सलमा की प्रोफाइल
सलमा को उनके ट्वीट को लेकर सजा तब सुनाई गई है जब सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी में सऊदी के सॉवरेन वेल्थ फंड के जरिये एक प्रमुख अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी को नियंत्रित करते हैं, जो कि पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड है. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सलमा अब भी मामले में नई अपील कर सकती हैं. सलमा के तमाम सोशल मीडिया अकाउंट से पता चलता है कि वह सऊदी अरब या ब्रिटेन में कोई बड़ी और मुखर एक्टिविस्ट नहीं हैं.
इंस्टाग्राम पर सलमा के 159 फॉलोवर्स हैं. इसकी प्रोफाइल में उन्होंने खुद को एक दंत चिकित्सक, मेडिकल टीचर, लीड्स यूनिवर्सटी में पीएचडी की स्टूडेंट, प्रिंसेस नूराह बिंट अब्दुलरहमान विश्वविद्यालय में लेक्चरर, एक पत्नी और अपने दो बेटों नोआह और ए़डम की मां बताया है. वहीं, ट्विटर पर सलमा के 2597 फॉलोवर्स हैं. सलमा को सजा सुनाए जाने के बाद कई मानवाधिकार संगठनों ने इसके खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है.