नीलामी की गई 'डिजिटल तस्वीर' को भारतीय मूल के व्यक्ति ने 5 अरब रुपए में खरीदा, क्रिप्टोकरंसी में किया भुगतान
ओपनसी के सह-संस्थापक बताते हैं कि दिन में लंबा समय कंप्यूटर पर बिताने वाले के लिए डिजिटल वर्ल्ड ही उसकी दुनिया है इसलिए इसकी ‘डिजिटल वर्ल्ड’ में बड़ी अहमियत है.
अमेरिका में एक डिजिटल तस्वीर (Digital Photo) की नीलामी के बाद हर तरफ इसकी चर्चा होने लगी. अमेरिकी कलाकार माइक विंकेलमान की तस्वीर बीते गुरुवार को 5 अरब रुपए में नीलाम (Auction) हुई. हर तरह चर्चा होने लगी कि आखिर इस तस्वीर को इतनी बड़ी कीमत पर किसने खरीदा? आपको बता दें कि नीलामी में तस्वीर को एक भारतीय मूल के खरीदार मेटाकोवन ने खरीदा जो सिंगापुर (Singapore) में रहते हैं. खास बात यह कि उन्होंने इसे क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) के बदले खरीदा है.
तमिल मूल के मेटाकोवन ने 'मेटापर्स' स्थापना की है. मेटापर्स नॉन-फंजिबल टोकन यानी NFT को जमा करता है. एनएफटी एक डिजिटल ऐसेट है जिसका प्रचलन कोविड-19 के दौरान बढ़ा है. लोग इसका इस्तेमाल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध चीजों की खरीद के लिए करते हैं. एनएफटी का इस्तेमाल ऐसी चीजों की खरीद के लिए होता है जिन्हें एक्सचेंज नहीं किया जा सकता.
'मेटाकोवन' मतलब 'मेटा का राजा'
मेटाकोवन के पास कुछ दिनों पहले तक बैंक अकाउंट भी नहीं था. उनके पास अभी भी कोई घर या कार नहीं है. 2013 में मेटकोवन ने क्रिप्टोकरंसी की शुरुआत की थी तब बिटक्वॉइन की कीमत 100 डॉलर की थी. 'मेटाकोवन' नाम उन्हें उनकी मां ने दिया. उन्होंने बताया कि तमिल में 'मेटाकोवन' का मतलब होता है 'मेटा का राजा'.
मेटाकोवन अमेरिका और कनाडा में भी रह चुके हैं लेकिन आखिर वो सिंगापुर लौटे और यहीं बस गए. मेटाकोवन को उम्मीद है कि एनएफटी दुनिया में बदलाव ला सकती है. ये वैसा ही बदलाव ला सकती है जैसा तेल के आने पर हुआ था. किसी भी नई तकनीक के आने पर धन के वितरित होने की संभावना होती है.
8.63 करोड़ डॉलर तक पहुंची NFT की बिक्री
ओपनसी के मुताबिक एनएफटी की मासिक बिक्री जनवरी में 80 लाख डॉलर से 8.63 करोड़ डॉलर तक पहुंच गई थी. एक साल पहले तक इसकी मासिक बिक्री 15 लाख डॉलर थी. ओपनसी के सह-संस्थापक बताते हैं कि दिन में लंबा समय कंप्यूटर पर बिताने वाले के लिए डिजिटल वर्ल्ड ही उसकी दुनिया है इसलिए इसकी 'डिजिटल वर्ल्ड' में बड़ी अहमियत है.