नई किस्म की परेशानी सामने आई, बाढ़ के बाद Australia के New South Wales में मकड़ी के जालों से पट गई जमीन
मई के महीने में यहां के लोग प्लेग (Plague) के कारण दहशत में थे, अब यहां एक नई किस्म की परेशानी सामने आई है
ऑस्ट्रेलिया (Australia) के न्यू साउथ वेल्स (New South Wales) में प्राकृतिक आपदाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. मई के महीने में यहां के लोग प्लेग (Plague) के कारण दहशत में थे, अब यहां एक नई किस्म की परेशानी सामने आई है. मई में जिस समय यहां चूहों (Rats) ने तबाही मचाई थी, उसी दौरान न्यू साउथ वेल्स के कई हिस्सों में भयानक बाढ़ (flood) आई थी. यहां से बाढ़ का पानी तो उतर गया है लेकिन अब पूरी जमीन मकड़ी के जालों से ढंक गई है.
हजारों लोगों को खाली करने पड़े थे अपने घर
ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में आई बाढ़ के कारण 18 हजार लोगों को अपने घर खाली करने पड़े थे. इस बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब यहां नई समस्या पैदा हो गई है. यहां दूर-दूर तक जमीन पर मकड़ियों के जाले (Spiderwebs) नजर आ रहे हैं.
बाढ़ ने खत्म किए छोटे जीवों के घर
इस बाढ़ के कारण न केवल लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा, बल्कि इसने कई छोटे जीवों के भी घर नष्ट कर दिए. ऐसे में मकड़ियों ने पानी के आसपास की ऊंची जगहों को अपना ठिकाना बनाया और इन जगहों को जालों से पाट दिया. विक्टोरिया के कई हिस्सों में ऐसे जाले बड़े पैमाने पर नजर आ रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने शेयर कीं तस्वीरें
स्थानीय लोगों ने जमीन पर दूर-दूर तक फैले इन जालों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं. इनमें साफ नजर आता है कि मकड़ी के ये जाले कितने घने और बड़े-बड़े हैं. वहीं सिडनी के टारोंगा जू में मकड़ियों के एक कीपर ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड को बताया कि बाढ़ से मकड़ियों को कोई नुकसान नहीं होता है.
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया है सकारात्मक
देखने में भयावह लगने वाले ये नजारे और अजीब किस्म की समस्या वैसे तो किसी को भी डराने के लिए काफी है लेकिन विशेषज्ञा इसे अच्छा बता रहे हैं. उनका मानना है कि ये मकड़ियां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को कुछ अच्छे रिजल्ट दे सकती हैं क्योंकि वे उन मच्छरों और कीड़ों को खाती हैं जो अन्य बीमारियों का कारण बनते हैं.
हाल ही में मचा था चूहों का आतंक
मार्च में ही न्यू साउथ वेल्श में जमकर चूहों का आतंक फैला था. इसके कारण किसानों और राज्य के लोगों को इतना नुकसान हुआ था कि न्यू साउथ वेल्स की सरकार को इन लोगों में $50 मिलियन का मुआवजा बांटना पड़ा था. साथ ही उन्होंने प्लेग के खतरे से छुटकारा पाने के लिए 'ब्रोमाडिओलोन' नाम के एक अवैध जहर का उपयोग करने की अनुमति भी देनी पड़ी थी.