अमेरिका में पक्षियों को मार रही एक रहस्यमयी बीमारी, हो सकता है नया वायरस
इंसानों के लिए खतरा नहीं
एक रहस्यमयी बीमारी वाशिंगटन डीसी (Washington DC), वर्जीनिया, मैरीलैंड और वेस्ट वर्जीनिया में पक्षियों को मार रही है. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) की ओर से पिछले सप्ताह जारी एक बयान के अनुसार, वन्यजीव प्रबंधकों को अभी तक पता नहीं है कि पक्षियों के अंधे हो जाने और एकाएक मरने का कारण क्या है. वर्जीनिया के वन्यजीव संसाधन विभाग के एक पशु चिकित्सक मेगन किर्चगेसनर ने बताया कई पक्षियों (Birds) की आंखें सूजी हुई हैं. सूजी हुई आंखों के साथ-साथ पक्षी डगमगाने वाली हरकतें कर रहे हैं, जो इस बीमारी को न्यूरोलॉजिकल संबंधी होने की ओर इशारा करती है.
किर्चगेसनर ने बताया कि इस रहस्यमयी बीमारी से मरने वाले पक्षियों की कम से कम 325 रिपोर्टें आई हैं लेकिन अब तक अन्य जानवर इस बीमारी से प्रभावित नहीं पाए गए हैं. पक्षियों के बीच भी, रिपोर्ट में केवल दो प्रकार के पक्षी, ग्रैकल्स और ब्लू जेज की ही रिपोर्ट आई है. अमेरिकी एजेंसियां प्रभावित राज्यों के निवासियों को सलाह दे रही हैं कि जब तक मृत पक्षियों की लहर के पीछे का कारण पता न चल जाए, तब तक पक्षियों को पक्षी फीडर द्वारा खिलाना बंद कर दें क्योंकि जब पक्षी फीडर के आसपास इकट्ठा होते हैं तो वे एक दूसरे से बीमारियों का आदान-प्रदान कर सकते हैं.
इंसानों के लिए खतरा नहीं
अधिकारी, पक्षी फीडर और बर्ड बाथ की सफाई करने के लिए 10 प्रतिशत ब्लीच और पानी के घोल की भी सलाह दे रहे है. किर्चगेसनर ने बताया कि एक पशु चिकित्सा दृष्टिकोण से, विशेष रूप से वसंत ऋतु में जब भोजन प्रचुर मात्रा में होता है तो उन फीडरों के बाहर होने का कोई कारण नहीं होता है और पूरी तरह से ईमानदार होने के लिए, विशेष रूप से इस तरह की स्थिति में, वे अच्छे से ज्यादा नुकसान कर सकते हैं.' हालांकि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि जो कुछ भी पक्षियों को मार रहा है वह मनुष्यों या अन्य जानवरों के लिए संक्रमणीय है.
रबर के दस्ताने पहनकर छुएं
लोगों को बीमार या मृत पक्षियों को हाथ न लगाने और स्थानीय वन्यजीव संरक्षण एजेंसी से संपर्क करने का आग्रह किया गया है. अगर पक्षी को हाथ लगाना आवश्यक हो जाता है तो यूएसजीएस के अनुसार, रबर के दस्ताने पहनें और यदि आवश्यक हो तो मृत पक्षियों को सील करने योग्य प्लास्टिक बैग के अंदर डालकर कूड़ेदान में फेंक दें.
अमेरिकी फ़ेडरल और राज्य प्रयोगशालाएं इस बीमारी के बारे में अधिक जानने की उम्मीद में मरने वाले पक्षियों के अवशेषों का परीक्षण कर रही हैं. इस बीच, एजेंसियां जनता से बीमार या मृत पक्षियों को स्थानीय एजेंसियो को रिपोर्ट करने के लिए कह रही हैं.