पानी पर ही एक शहर बसने जा रहा है जानिए इस शहर में और क्या होगा खास
'पानी पर बसने वाला शहर'... यह सुनकर भले ही अजीब लगे, लेकिन यह बात सच है कि अब पानी पर एक शहर बसने वाला है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सोचिए आपका घर पानी पर हो और आप हमेशा ही पानी पर रहें, आपको कैसा लगेगा. इतना ही नहीं, आपकी पूरी सोसायटी ही पानी पर बनी होगा, बच्चों के खेलने वाले पार्क से लेकर सड़क, मार्केट, खेती बाड़ी भी पानी पर होंगे. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर वो किस तरह की सोसाइटी होगी, जिसमें ज्यादा दूर तक जाने के लिए आपको अपनी कार नहीं, बल्कि नाव स्टार्ट करनी होगी और आप नाव के जरिए कहीं और जा पाएंगे.
अब सवाल ये है कि आखिर ऐसी सिटी कहां बनने वाली है और वहां का जीवन कैसा होगा? साथ ही आखिर ये सिटी क्यों बनाई जा रही है और कितने लोग इस सिटी में रहेंगे? ऐसे में जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब ताकि आपको भी इस प्रोजेक्ट के बारे में पता चल सके….
इस सिटी में क्या होगा खास?
डीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट के अनुसार, पानी पर तैरते हुए इस शहर में करीब 10 हजार लोग रह सकते हैं. यहां रहने वाले लोगों के लिए ग्रीन हाउस में कम पानी के साथ खेती भी की जाएगी. कहीं आने जाने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था भी की जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार, यहां शेयरिंग आधारित क्लाइमेट न्यूट्रल ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें आधुनिक नावें शामिल हैं.
कैसे होंगे घर?
यहां खास तरह के बांस से घर बनाए जाएंगे. कंपनी ऐसा प्लान कर रही है कि यहां जितने भी घर बने वो खस कॉन्क्रीट की मदद से बने ताकि उस पर खारे पानी का कोई असर नहीं माना. आप सोच रहे होंगे पानी में बने घर जल्दी ही रहने योग्य नहीं रहेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है. इन घरों में करीब 200 साल तक आराम से रहा जा सकता है.
क्यों बनाए जा रहे हैं ऐसे घर?
जलवायु परिवर्तन के कारण कई इलाकों में समुद्र का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. कई इलाकों पर समंदर में डूबने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में पानी पर शहर बसाने की योजना पर काम हो रहा है. इसमें उन लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन होगा, जिन्हें क्लाइमेट चेंज की वजह से अपना घर बदलना पड़ रहा है. ऐसे में अब वे पानी पर रह सकेंगे ताकि उन्हें कोई दिक्कत ना हो.
कौन बसा रहा है ये शहर?
यह शहर फ्रेंच पॉलीनेसिया के सबसे बड़े आईलैंड ताहिती की एक कंपनी की ओर से बसाया जा रहा है. इस कंपनी का नाम ऑसिएनिक्स है, जो ऐसा शहर बसाने पर काम कर रहा है. खास बात ये है कि ये प्रोजेक्ट संयुक्त राष्ट्र से मिलकर पूरा किया जाएगा. इसमें संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास की आवधारणा की पालना की जाएगी.