सामने आए हैं ओमिक्रॉन के 9 मामले, जरूरी सामान स्टॉक कर रहे हैं लोग
कोरोना की शुरुआत के समय भी कई पश्चिमी देशों में टॉयलेट पेपर को लेकर मारामारी की स्थिति बन गई थी.
ओमिक्रॉन (Omicron) के चलते न्यूजीलैंड (New Zealand) में टॉयलेट पेपर (Toilet Paper) की किल्लत शुरू हो गई है और आने वाले हफ्ते में हालात ज्यादा खराब हो सकते हैं. दरअसल, कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के नौ मामले सामने आने के बाद सरकार ने कुछ सख्त फैसले लिए हैं, जिसकी वजह से लोगों में टॉयलेट पेपर खरीदने की होड़ लग गई और उसकी किल्लत शुरू हो गई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि महज एक हफ्ते में टॉयलेट पेपर की भारी कमी देखने को मिल सकती है.
PM Ardern को टालनी पड़ी है शादी
'डेली मेल' के रिपोर्ट के अनुसार, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) ने कोरोना के मामलों को देखते हुए कुछ पाबंदियों की घोषणा की है. इसके अलावा, लोगों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है. किसी कार्यक्रम या समारोह में शामिल होने वालों की संख्या को घटाकर 100 किया गया है. इस वजह से प्रधानमंत्री को अपनी शादी भी टालनी पड़ी है. नए नियमों के तहत पॉजिटिव पाने जाने पर 10 के बजाए 14 दिनों तक क्वारंटीन रहना होगा. संबंधित व्यक्ति के परिवार के सदस्य भी निर्धारित अवधि तक घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे.
पाबंदियों से लोगों में डर
सरकार ने इस रुख से लोगों में डर पैदा हो गया है, इसलिए वो जरूरी सामान स्टॉक कर रहे हैं, इसमें टॉयलेट पेपर भी शामिल है. अभी से ही अधिकांश सुपरमार्केट से टॉयलेट पेपर गायब हो चुका है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले हफ्ते से स्थिति ज्यादा खराब हो सकती है. बता दें कि न्यूजीलैंड उन चुनिंदा देशों में शामिल था, जिसने कोरोना वायरस के चलते सबसे पहले अपनी सीमाएं सील कर दी थीं. लेकिन प्रधानमंत्री का कहना है कि इस बार ऐसा कुछ नहीं होने वाला और मौजूदा पाबंदियों को लॉकडाउन नहीं समझा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियां चालू रहेंगी और लोग आजादी से घूम सकेंगे.
PM की अपील का भी असर नहीं
प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है और बेवजह सामान स्टॉक करने से बचें. लेकिन इस अपील का असर होता नजर नहीं आ रहा है. अधिकांश सुपरमार्केट में जरूरी सामान की किल्लत हो गई है. लोग सबसे ज्यादा टॉयलेट पेपर खरीद रहे हैं. Auckland के कई सुपरमार्केट में टॉयलेट पेपर के शेल्फ खाली पड़े हैं. जैसे ही सरकार ने 23 जनवरी को पाबंदियों की घोषणा की लोगों में उसे खरीदने की होड़ शुरू हो गई. गौरतलब है कि कोरोना की शुरुआत के समय भी कई पश्चिमी देशों में टॉयलेट पेपर को लेकर मारामारी की स्थिति बन गई थी.