हांगकांग में बम लगाने की साजिश रचने के आरोप में 6 स्कूली बच्चों समेत 9 गिरफ्तार
इसे मीडिया के लिए दुखद खबर बताया है.
हांगकांग पुलिस (Hong Kong Police) ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने विस्फोटक बनाने और शहर में बम (Bomb) लगाने की साजिश का भंडाफोड़ करने के बाद, आतंकवादी गतिविधियों (Terrorist Activity) में शामिल होने के संदेह में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. हांगकांग में राजनीतिक विभाजनकारी समय के बीच यह गिरफ्तारी हुई है. करीब दो साल पहले यहां हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने शहर को हिलाकर रख दिया था.
यह विरोध प्रदर्शन महीनों चला था. पिछले सप्ताह, हांगकांग के एक व्यक्ति ने खुद को मारने से पहले एक पुलिस अधिकारी पर चाकू से हमला कर दिया था. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में से छह माध्यमिक विद्यालय के छात्र हैं. बता दें कि ये लोग एक छात्रावास में विस्फोटक 'ट्राईएसीटोन ट्राइपरॉक्साइड' (टीएटीपी) बनाने की कोशिश कर रहे थे.
अदालतों को दहलाने का इरादा
उनकी योजना यह टीएटीपी शहर की अदालतों, क्रॉस-हार्बर सुरंग, रेलवे स्टेशनों, सड़क पर कूड़ेदान में लगाने की थी, 'ताकि समाज को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाया जा सके.' हांगकांग पुलिस के राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के वरिष्ठ अधीक्षक ली क्वाई-वाह ने बताया कि गिरफ्तार किए लोगों में पांच पुरुष और चार महिलाएं हैं, जिनकी उम्र 15 से 39 साल के बीच है. टीएटीपी बनाने के लिए प्रयुक्त उपकरण और कच्चा माल भी बरामद किया गया है.
बंद हो गया आखिरी लोकतंत्र समर्थक अखबार
एक तरफ जहां हांगकांग के लोग लोकतंत्र के लिए अपना खून बहा रहे हैं और चीन के खिलाफ विरोध दर्ज कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर चीन यहां अपनी पकड़ लगातार मजबूत कर रहा है. बीत दिनों चीन की स्टेट काउंसिल ने हांगकांग के सिक्योरिटी चीफ जॉन ली (John Lee) को चीफ सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त किया है. वहीं वर्तमान में पुलिस कमिश्नर के पद पर काबिज क्रिस तांग पिंग-कियुंग को नया सुरक्षा सचिव बनाया गया है.
हाल ही में हांगकांग का आखिरी लोकतंत्र समर्थक अखबार एप्पल डेली भी हमेशा के लिए बंद हो गया है. यहां काम करने वाले लोगें को जेल में डाला गया और उनपर देश विरोध गतिविधियों का आरोप लगाया गया. चीन द्वारा करीब एक साल पहले लागू किए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस कानून के खिलाफ लाखों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया था. लेकिन चीन ने इन विरोध प्रदर्शनों को भी दबा दिया. एप्पल डेली के बंद होने को लेकर ब्रिटेन और अमेरिका ने बयान जारी किया है और इसे मीडिया के लिए दुखद खबर बताया है.