काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग में 5 की हुई मौत, भारतीयों की चिंताएं और बढ़ी
सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़ने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीयों की चिंताएं और बढ़ गई हैं। सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़ने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी और इस दौरान अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। इस बीच फायरिंग की भी खबर है, जिसमें कम से कम 5 लोगों की मौत हुई है। इन घटनाओं के बाद काबुल से कॉमर्शियल उड़ानों को रोक दिया गया है। इसके चलते भारत आने वाली और भारत से काबुल जाने वाली उड़ानों पर भी रोक लग गई है। ऐसे में अफगानिस्तान से निकलने की आस लगाए हजारों भारतीयों को झटका लगा है। सोमवार को दोपहर 12:30 बजे एयर इंडिया का एक विमान दिल्ली से काबुल जाने वाला था, जो रद्द हो गया है।
अफगानिस्तान में फिलहाल एयरस्पेस को ही बंद कर दिया गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से अपील की गई है कि लोग हवाई अड्डे पर न आएं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैनिकों की ओर से हवाई फायरिंग की गई थी, जिसके चलते भगदड़ मच गई। शायद यह भी वजह है, जिसके चलते लोगों की मौत हो गई। रविवार को ही अमेरिका ने कहा था कि उसके 6,000 सैनिक काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा करेंगे और लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेंगे। हालांकि ऐसा होता नहीं दिख रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया भर के कई देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने में जुटे हैं। लेकिन अब एयरपोर्ट बंद होने और उड़ानें ठप होने के चलते भारत समेत इन तमाम देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
सीमाओं पर तालिबान काबिज, एयरपोर्ट ही निकलने का एकमात्र रास्ता
पाकिस्तान, ईरान जैसे देशों से सटी अफगानिस्तान की तमाम सीमाओं पर तालिबान के लड़ाकों ने कब्जा जमा लिया है। ऐसे में एयरपोर्ट ही एकमात्र एग्जिट पॉइंट है, जिसके जरिए लोग अफगानिस्तान से निकल सकते हैं। लेकिन जिस तरह का नजारा काबुल से देखने को मिल रहा है, उससे लोगों में डर है कि यह आखिरी विकल्प भी जल्दी ही खत्म हो सकता है। ऐसे में लोग किसी भी विमान पर बैठकर अफगानिस्तान से निकलने की जुगत में हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे तमाम वीडियो सर्कुलेट हो रहे हैं, जिसमें लोग विमानों पर लटकने तक की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।
तालिबान बोला, हमने नहीं की थी कभी ऐसी जीत की उम्मीद
बता दें कि रविवार को तालिबान ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमा लिया। वहीं अमेरिका समर्थित सरकार के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर ही भाग गए हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान का नाम 'इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान' रखने का ऐलान किया है। तालिबान के उपनेता मुल्ला अब्दुल गनी बारादर ने वीडियो संदेश में कहा, 'हमने कभी इस तरह की जीत की उम्मीद नहीं की थी। अब हमें अल्लाह के सामने अपनी विनम्रता दिखानी चाहिए।'