दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रोन के 46 % केस, स्वास्थ्य समस्या वालों को बूस्टर डोज लगाने की सलाह
दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रोन के 46 % केस
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के टीकाकरण एवं वैक्सीन विकास कार्यक्रम (अफ्रीका) ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर ओमिक्रोन के कुल मामलों में से 46 फीसद अफ्रीका में हैं। दक्षिण अफ्रीका में पिछले सात दिनों में संक्रमण के मामलों में 225 फीसद का इजाफा हुआ है, लेकिन राहत की बात है कि वहां सिर्फ छह फीसद लोगों को आइसीयू की जरूरत पड़ी है।
स्वास्थ्य समस्या वालों को बूस्टर डोज लगाने की सलाह
डब्ल्यूएचओ की वैक्सीन सलाहकार समिति ने कहा है कि वैसे लोग जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है अथवा जिन्होंने इनएक्टिवेटेड वैक्सीन लगवाई है, उन्हें बूस्टर डोज जरूर लगवानी चाहिए। इनएक्टिवेटेड वैक्सीन वह होती है, जिसमें वायरस की मृत कोशिकाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
ब्रिटेन में दो और पार्टियों की होगी जांच, बढ़ाए गए प्रतिबंध
ब्रिटिश सरकार ने गुरुवार को बताया कि करीब एक साल पहले लाकडाउन का उल्लंघन करते हुए प्रधानमंत्री बोरिस जानसन के कार्यालय में आयोजित क्रिसमस पार्टी की जांच करने वाली समिति सरकारी दफ्तरों में आयोजित दो और पार्टियों की भी जांच करेगी। अधिकारियों द्वारा पार्टी किए जाने का वीडियो सार्वजनिक होने के बाद लोग सरकार के खिलाफ मुखर हैं। उधर, पीएम जानसन ने ओमिक्रोन पर अंकुश के लिए नए प्रतिबंधों की घोषणा की है, जिनमें वर्क फ्राम होम, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने व वैक्सीन पास का इस्तेमाल आदि शामिल हैं। देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 51,342 लोग कोरोना संक्रमित हुए, जबकि 161 की मौत हो गई।
डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन की जमाखोरी बढ़ने की आशंका जताई
एपी के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को चिंता जताई कि कोराना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट से भयभीत अमीर देश कोविड-19 वैक्सीन की जमाखोरी कर सकते हैं। इससे टीकों की वैश्विक आपूर्ति फिर से धीमी पड़ सकती है। टीकाकरण पर अपनी विशेषज्ञ समिति की एक बैठक के बाद डब्ल्यूएचओ ने लोगों को व्यापक स्तर पर बूस्टर खुराक देने के खिलाफ सरकारों को दी गई अपनी सलाह दोहराई, ताकि जिन देशों के पास टीके का अच्छा खासा भंडार है वे इसे कम आय वाले देशों को भेजें। डब्ल्यूएचओ के टीकाकरण, टीका और जीव विज्ञान संबंधी विभाग की प्रमुख डा. केट ओब्रायन ने कहा, 'ओमिक्रोन के चलते पैदा हुई स्थिति में अधिक आय वाले देश अपनी सुरक्षा के लिए टीकों की वैश्विक आपूर्ति एक बार फिर से रोक सकते हैं। लेकिन इससे उन्हें लाभ नहीं होने जा रहा।'