नैरोबी | केन्या के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र किलिफि काउंटी में 12 और शवों के मिलने के बाद यहां भुखमरी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 403 हो गयी।प्राप्त जानकारी के मुताबिक एक फर्जी पादरी ने अपने अनुयायियों से भुखे रहने की अपील की थी।क्षेत्रीय आयुक्त रोडा ओन्यंचा ने बताया कि इस सिलसिले कोई नयी गिरफ्तारी नहीं हुयी है। सिटीजन न्यूज चैनल ने अपनी रिपोर्ट में इस सिलसिले में आरोपी पादरी पॉल मैकेंजी सहित 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मैकेंजी ने लोगों को प्रभु ईशा मसीह से मिलने के लिए भुखा रहने की अपील की थी, जिसके कारण चार लोगों ने भूखा रह कर अपने प्राण त्याग दिये थे। वहीं 11 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके कुछ दिन बाद मैकेंजी को गिरफ्तार किया गया था। मई में केन्या के अभियोजक के कार्यालय ने कहा कि मैकेंजी पर आतंकवाद का आरोप लगाया जाएगा।क्षेत्रीय आयुक्त रोड्स ओन्याचा ने बताया कि स्वघोषित धार्मिक नेता पॉल नथेंग मैकेंजी ने अनुयायियों से भूखा रहने की अपील की थी। पुलिस के अनुसार, पॉल ने अनुयायियों से कहा था कि उन्हें भगवान को हासिल करने के लिए भूखे रह कर अपनी जान देनी होगी। बता दें कि अब तक ईसाई पंथ के 403 अनुयायियों के शव बरामद किए गए हैं।रोड्स ओन्याचा ने बताया कि जांचकर्ता जंगल में और अधिक कब्रों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना के बारे में 13 अप्रैल को पता चला था। जिसके बाद से ही जंगल में कब्रो की तलाश की जा रही है और अब तक कई शवों को भी बरामद किया गया है।
सरकारी शव परीक्षण के अनुसार, भुखमरी ही मौत का मुख्य कारण प्रतीत होता है। हालांकि, बच्चों सहित कुछ पीड़ितों का गला घोंट दिया गया था। वहीं, इस मामले के मुख्य आरोपी अप्रैल के मध्य से पुलिस हिरासत में हैं। बीते 3 जुलाई को एक अदालत ने जांच लंबित रहने तक आरोपी की हिरासत को एक महीने के लिए बढ़ा दिया था।राज्य अभियोजकों ने कहा है कि स्वघोषित धार्मिक नेता पॉल नथेंग मैकेंजी आतंकवाद या नरसंहार से संबंधित आरोपों का सामना कर रहा है, लेकिन अभी तक आरोपी ने किसी भी तरह की अर्जी दाखिल नहीं की है। बता दें कि स्वयंभू पादरी ने 2003 में गुड न्यूज इंटरनेशनल चर्च की स्थापना की थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 50 मिलियन लोगों की आबादी वाले पूर्वी अफ्रीकी देश में 4,000 से अधिक चर्च पंजीकृत हैं।