ऑस्ट्रेलिया-चीन विवाद के चलते फंसे 39 भारतीय नाविक, रिहा कराने के लिए शुरू कीया बातचीत

ऑस्ट्रेलिया-चीन विवाद के चलते चीनी बंदरगाहों पर फंसे 39 भारतीय नाविकों को छुड़ाने के लिए भारत |

Update: 2021-01-02 03:21 GMT

ऑस्ट्रेलिया-चीन विवाद के चलते चीनी बंदरगाहों पर फंसे 39 भारतीय नाविकों को छुड़ाने के लिए भारतने चीन से कूटनीतिक बातचीत शुरू कर दी है। अनुमान जताया जा रहा है कि सभी नाविकों को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। दरअसल, चीन की समुद्री सीमा में दो मालवाहक जहाज एमवी अनास्तासिया और एमवी जग आनंद फंसे हुए हैं, जिनमें 39 भारतीय सवार हैं। ऑस्ट्रेलिया से विवाद के चलते चीन इन मालवाहक जहाजों को सामान उतारने की इजाजत नहीं दे रहा है। इनमें एमवी अनास्तासिया चीन के बोहई सागर में है, जबकि एमवी जग आनंद जिंगतांग बंदरगाह पर फंसा हुआ है।

भारत ने शुरू की बातचीत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एमवी जग आनंद ऑस्ट्रेलिया से कच्चा कोयला लेकर चीन पहुंचा था, लेकिन चीनी अधिकारियों ने कोयला उतारने से इनकार कर दिया। इसके अलावा चीनी अधिकारी शिपिंग कंपनी को रिप्लेसमेंट क्रू भेजने की अनुमति भी नहीं दे रहे हैं। ऐसे में भारतीय दूतावास इस मुद्दे को बार-बार चीनी विदेश मंत्रालय और प्रांतीय अधिकारियों के सामने उठा रहा है।
विदेश मंत्रालय ने दी यह जानकारी
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि बीजिंग में मौजूद भारतीय दूतावास ने इस मामले में चीन के विदेश मंत्रालय और स्थानीय अधिकारियों से कई बार बातचीत की है। इसमें दोनों जहाजों को बंदरगाह पर ठहरने और क्रू बदलने की अनुमति देने के लिए कहा गया है। इस मामले में कई महीने से बातचीत चल रही है। भारतीय राजदूत ने इस मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से चीन के उप विदेश मंत्री के सामने भी उठाया। इसके अलावा विदेश मंत्रालय भी चीनी दूतावास से लगातार बातचीत कर रहा है।
बेहद तनाव में हैं भारतीय नाविक
जानकारी के मुताबिक, नवंबर 2020 के आखिरी सप्ताह में चीनी अधिकारियों ने जिंगतांग बंदरगाह पर क्रू बदलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। साथ ही, कहा था कि शिपिंग कंपनी चीन के तियांजिंग बंदरगाह पर क्रू बदलने के लिए आवेदन करे, जिसकी जांच के बाद अनुमति दी जा सकती है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि बीजिंग में मौजूद भारतीय दूतावास इस मामले में बीजिंग, हेबेई और तियांजांग के चीनी अधिकारियों के संपर्क में लगातार बना हुआ है। इसके अलावा मामले का जल्द समाधान निकालने के लिए नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास से भी बातचीत की गई है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, चीन ने इस मामले में सहायता देने का आश्वासन दिया है।


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