ऑस्ट्रिया में लगातार हो रही बर्फबारी में दफन हुआ यह पूरा गांव, मारे गए 31 लोग
जो स्की का लुत्फ उठाने यहां पहुंचे थे.
यूरोपीय देशों (European countries) में पर्यटक बर्फ से ढकी चोटियों को पर हजारों की संख्या में स्की रिसोर्ट (Ski Resort) मौजूद हैं. जहां दुनियाभर के पर्यटक स्की करने के लिए पहुंचते हैं. सर्दियों के मौसम में लगातार होने वाली बर्फबारी (Snowfall) और ठंडे मौसम के चलते बर्फ जम जाती है. इससे स्की के लिए एक बेहतर माहौल पैदा हो जाता है. जहां लोग स्की बोर्ड पर सवार होकर स्की का मजा उठाते हैं. हालांकि, बर्फबारी और बर्फीली हवाओं के दौरान स्की रिसोर्ट को बंद कर दिया जाता है. ताकि, किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके. हालांकि, एक ऐसी घटना जरूर होती है, जो स्की के दौरान खतरे को सबसे ज्यादा बढ़ा देती है. इसे कहते हैं, एवलांच (Avalanche).
एवलांच (Avalanche) की घटनाओं को सबसे खतरनाक इसलिए माना जाता है क्योंकि ये पहाड़ी से बर्फ को नीचे ले आती है और जो भी इसकी चपेट में आता है. वो इसके नीचे दब जाता है. एवलांच की एक ऐसी ही घटना आज ही के दिन ऑस्ट्रिया (Austria) के टायरॉल (Tyrol) शहर के गाल्टर गांव (Galtür Village) में हुई, जब पूरा गांव बर्फ के नीचे दब गया. 23 फरवरी, 1999 को ऑस्ट्रियन आल्प (Austrian Alps) पर बसे गाल्टर गांव में एक प्रलयकारी एवलांच आपदा हुई. एवलांच की चपेट में आकर 60 लाख लोग जिंदा दब गए. इनमें से 31 लोगों की मौत हो गई.
ऑस्ट्रिया में लगातार हो रही थी बर्फबारी
फरवरी का महीना होने से पूरे यूरोप में भारी बर्फबारी का दौर जारी था. ऐसा ही हाल आस्ट्रिया (Austria) के गाल्टर गांव (Galtür Village) का था, जो लोगों के बीच अपने स्की रिजोर्ट को लेकर खासा प्रसिद्ध था. देशभर से लोग आल्प की पहाड़ियों पर बसे इस गांव में स्की का मजा उठाने के लिए पहुंच रहे थे. उत्तर-पश्चिम में लगातार हो रही बर्फबारी की वजह से बर्फ की मोटी परत जम चुकी थी. तेज हवा के चलते बड़े पैमाने पर बर्फ पाउडर जैसे हिमपात की तरह गिर रही थी. इससे एवलांच का खतरा बढ़ता जा रहा था और ये हल्की बर्फ एवलांच लाने के काफी थी. लोगों का बड़ी संख्या में स्की रिसोर्ट में मौजूद होना चिंता बढ़ाने वाला था. ये लोग बर्फबारी की वजह से यहां फंसे हुए थे.
पूरा गांव एवलांच में दबा, बिछी बर्फ की चादर
ऐसे में वही हुआ जिसका डर था. तेज हवा के चलते पहाड़ों की चोटियों पर जमी भुरभुरी बर्फ नीचे गिरने लगी. देखते-ही-देखते इसने एवलांच का रूप अख्तियार कर लिया. पहाड़ के नीचे बचे गांव गल्टर पर अब खतरा मंडराने लगा था. कुछ लोग एवलांच की सूचना मिलते ही सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए. हालांकि, 60 बदनसीब लोग ऐसे थे, जो एवलांच की चपेट में आ गए और जिंदा दफन हो गए. छह घर पूरी तरह से तबाह हो गए और 18 घरों को खासा नुकसान पहुंचा. जब एवलांच था, तो पूरा गांव इस एवलांच में दब चुका था. ऐसा लगा कि यहां सिर्फ बर्फ की सफेद चादर बिछी हुई है.
31 लोगों की लाशें निकलीं बर्फ से बाहर
सरकार ने फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान शुरू किया. लेकिन बर्फ से ढकी सड़कों की वजह से बचाव दल को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. जो लोग गांव छोड़कर सुरक्षित बच गए थे. उन्हें हेलिकॉप्टरों के जरिए राहत केंद्रों में भेजा गया. 46 हेलिकॉप्टरों के जरिए 12,500 लोगों को गांव से बाहर निकाला गया. अब बचाव दल ने बर्फ के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू किया. खोजी कुत्तों की मदद से करीब 29 लोगों को सुरक्षित बर्फ के नीचे से बाहर निकाला गया. लेकिन 31 लोग ऐसे थे, जो बर्फ की चपेट में आने से मारे गए. मरने वाले लोगों में कुछ यात्री भी शामिल थे, जो स्की का लुत्फ उठाने यहां पहुंचे थे.