30 साल की महिला ने स्पर्म डोनर पर किया मुकदमा, बोली- सेक्स के लिए किया ये काम
नई दिल्ली: 30 साल की एक महिला ने स्पर्म डोनर के जरिए बच्चा पैदा करने के बाद अपने बच्चे को छोड़ दिया है. महिला ने आरोप लगाया है कि स्पर्म डोनर ने अपने बारे में गलत जानकारी दी थी. बच्चा पैदा करने के लिए महिला ने करीब 10 रातें स्पर्म डोनर के साथ गुजारी थीं. वहीं, जापान में आईवीएफ क्लिनिक की काफी कमी है, इसकी वजह से कई महिलाएं खुद के स्तर पर ही स्पर्म डोनर ढूंढती हैं.
अब महिला ने स्पर्म डोनर पर मुकदमा करके 20 करोड़ रुपये हर्जाने के तौर पर मांगे हैं. महिला का कहना है कि उसके साथ धोखा हुआ और इमोशनल तौर से भी नुकसान पहुंचा. बच्चे को छोड़ने की वजह से महिला को आलोचना का सामना करना पड़ा.
ये मामला जापान का है. स्पर्म डोनर के कथित झूठ के खुलासे के बाद महिला ने बच्चे को एक सरकारी सेंटर को दे दिया जिसके बाद बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. महिला का कहना है कि स्पर्म डोनर ने अपनी राष्ट्रीयता और अपनी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन को लेकर झूठ बोला था. महिला का आरोप है कि शख्स ने सेक्स के लिए उससे झूठ बोला.
स्पर्म डोनर ने खुद को बताया था जापानी
डेली मेल के मुताबिक, महिला शादीशुदा है और टोक्यो में रहती है. महिला को जब पता चला कि स्पर्म डोनर जापानी नहीं, बल्कि चीनी है, क्योटो यूनिवर्सिटी से उसने पढ़ाई भी नहीं की है, सिंगल की जगह शादीशुदा है तो उसने हर्जाने की मांग के साथ उसके ऊपर मुकदमा कर दिया.
महिला पहले से एक बच्चे की मां है. 2019 में सोशल मीडिया के जरिए वह स्पर्म डोनर के संपर्क में आई थी. महिला ने स्पर्म डोनर के जरिए इसलिए मां बनने का फैसला किया क्योंकि पति hereditary condition से जूझ रहा है.
स्पर्म डोनर के जरिए प्रेग्नेंट होने के बाद, डिलीवरी से पहले ही महिला ने स्पर्म डोनर का झूठ पकड़ लिया था. लेकिन अबॉर्शन के लिए तब तक काफी देर हो चुकी थी. जापान के चाइल्ड वेलफेयर वर्कर Mizuho Sasaki ने महिला को ओछा करार दिया और कहा कि उसने बच्चे को वस्तु की तरह ट्रीट किया.