अमेरिकी वायु सेना के 27 कर्मियों को हटाया, नौकरी से हटाने की यह पहली कार्रवाई
परीक्षण में डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कोरोना से बचाव से बचाव के लिए जरूरी एंटीबॉडीज में गिरावट पाई गई है।
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ने दुनिया के कई देशों में दस्तक दे दी है। कई जगह इसके ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर भी खतरा है। इस कारण दुनिया में एक बार फिर सख्ती बरती जा रही है। इसी कड़ी में अमेरिकी वायुसेना के 27 लोगों को हटाने की कार्रवाई की गई है। इन सैनिकों ने टीका लगवाने से इनकार किया था। जनादेश की अवज्ञा मानते हुए नौकरी से हटाने की यह पहली कार्रवाई है।
अमेरिकी वायुसेना ने टीका लेने के लिए अपने सैनिकों को 2 नवंबर तक का समय दिया गया था। जबकि हजारों सैनिकों ने इससे या तो इनकार कर दिया अथवा छूट मांगी। वायुसेना की प्रवक्ता एन. स्टेफनेक ने बताया कि ये वैक्सीन से जुड़ी कारणों के चलते प्रशासनिक रूप से हटाए जाने वाले पहले एयरमैन हैं। रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि सुरक्षा बलों के स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा संकट से निपटने की क्षमता को बनाए रखने के लिए टीकाकरण महत्वपूर्ण है।
स्टेफनेक ने कहा, इन एयरमैन को मौका दिया गया था कि वे बताएं, आखिर उन्हें टीके से इनकार क्यों है। लेकिन किसी ने भी इस संबंध में स्पष्टीकरण नहीं दिया। बता दें कि अमेरिका के 97 फीसदी सैनिक टीका लगवा चुके हैं। वहीं अब तक विभिन्न बलों में तैनात 79 अमेरिकी सैनिकों की कोविड-19 के चलते मौत हो चुकी है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को अपने कंजर्वेटिव सांसदों के बीच बड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसमें कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट का प्रसार पोकने के लिए नए प्रतिबंध शामिल हैं। इन प्रतिबंधों को लेकर मंगलवार को संसदीय मतदान के दौरान जॉनसन को विरोध का सामना करना पड़ा।
प्रतिबंधों के तहत लोगों को घर से काम करने, सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने और कुछ जगहों पर प्रवेश के लिए पास जरूरी करने के आदेश शामिल हैं। संसद द्वारा इन उपायों को अनुमोदित किए जाने के लिए अब जॉनसन को विपक्षी लेबर पार्टी से उनके पक्ष में मतदान की आशा है। जॉनसन के लिए यह बड़ा झटका है।
ओमिक्रॉन से टीके की सुरक्षा को खतरा : शोध
शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने फाइजर व एस्ट्राजेनेका की खुराक से मिलने वाली सुरक्षा में सेंध लगा दी है। इससे संक्रमण का जोखिम बढ़ गया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के पेपर में कहा गया है कि दो अलग-अलग टीकों के साथ एकत्र किए गए लोगों के ब्लड सैंपल और नए स्ट्रेन के खिलाफ किए गए परीक्षण में डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कोरोना से बचाव से बचाव के लिए जरूरी एंटीबॉडीज में गिरावट पाई गई है।