2300 साल पुराने रहस्य का हुआ पर्दाफाश, धातु विज्ञान के बारे में मिलेगी जानकारी

Update: 2022-08-13 11:16 GMT

चीन में 2,300 साल पहले मेटल बनाने के लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल होता था, समय के साथ यह तकनीक धीरे-धीरे गर्त में समा गई. हालांकि, यह तकनीक लेख (Text) के रूप में मौजूद थी, लेकिन प्राचीन भाषा होने के कारण इसको समझने में मदद नहीं मिल रही थी. हालांकि, अब साइंसिस्टो ने इस टेक्स्ट को डिकोड कर लिया है. 300 ईसा पूर्व के टेक्स्ट को 'काओ गोंग जी' (Kaogong Ji) के रूप में जाना जाता है.

छिपे हुए थे 6 फॉर्मूले
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इस टेक्स्ट में विशेष प्रकार के धातुओं को बनाने के 6 फॉर्मूले छिपे हुए थे. हर फॉर्मूले में दो नामों का विशेष तौर पर मौजूद थे. इनका नाम जिन और शी. इसको लेकर साइंटिस्टों का कहना है कि ये अब दुनिया में नहीं पाए जाते हैं. वहीं, कुछ का मानना कि ये धातु तांबा और टिन हैं.
100 साल से रहस्य का कर रहे थे पता
काओ गोंग जी टेक्स्ट 'द राइट्स ऑफ झोउ' नामक एक लेख का है. इस प्राचीन पाठ के जरिए तलवार, घंटियां, कुल्हाड़ी, चाकू और आइना वस्तुएं बनाई जाती थीं. इस टेक्स्ट को समझने के लिए साइंटिस्ट पिछले 100 साल से मेहनत कर रहे थे.
चीनी शब्दों से हुई दिक्कत
पिछले दिनों इसको लेकर रिसर्च पब्लिश हुआ. लंदन में ब्रिटिश म्यूजियम के अर्ली चाइना कलेक्शन के क्यूरेटर और रिसर्च के सह-लेखक रुइलियांग लियू ने कहा कि इस रहस्य के उजागर होने से प्राचीन धातु उत्पादन की तकनीक को बेहतर समझने में मदद मिलेगी. आधुनिक चीनी भाषा में जिन का अर्थ सोना होता है, लेकिन शब्द का प्राचीन अर्थ तांबा, तांबा मिश्र धातु या यहां तक ​​कि सिर्फ धातु हो सकता है. यही वजह है कि इस धातु मिश्रण को समझना मुश्किल हो गया था.
धातु विज्ञान के बारे में मिलेगी जानकारी
पहले साइंटिस्टों ने सोचा था कि उन धातुओं को टिन और सीसे के साथ तांबे को पतला करके बनाया गया था, लेकिन रिसर्च में पता चला कि धातु को दो धातुओं के मिश्रण से बनाया गया ता. एक तांबे, टिन और सीसा से बना था. दूसरा तांबे और सीसा से बना था. शोधकर्ताओं ने कहा कि इस प्रकार के विश्लेषण का उपयोग करने से भविष्य में विभिन्न संस्कृतियों और क्षेत्रों से प्राचीन धातु विज्ञान के बारे में अन्य ग्रंथों को समझने में मदद मिल सकती है.
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