पश्चिमी तट पर दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सेना के 20 फाइटर जेट ने लगाए चक्कर
परमाणु हथियारों तथा मिसाइल खतरे का मुकाबला करने के लिए 'मौलिक एवं व्यावहारिक सुरक्षा क्षमताओं' को हासिल करेगी।
दक्षिण कोरिया के पश्चिमी तट पर दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सेना के 20 फाइटर जेट ने मंगलवार को चक्कर लगाए। इन फाइटर जेट को उड़ाने के पीछे का असल मकसद है उत्तर कोरिया की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया होती है तो इसके लिए जवाबी कार्रवाई की जाएगी। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स आफ स्टाफ ने आज कहा कि हवाई प्रदर्शन में 16 दक्षिण कोरियाई प्लेन शामिल थे जिसमें F-35A स्टील्थ फाइटर और चार अमेरिकी F-16 फाइटर जेट थे। इनका मकसद उत्तर कोरिया की भड़काऊ गतिविधियों का जवाब देने की क्षमता प्रदर्शित करना है। बता दें कि इससे पहले दक्षिण कोरिया के पूर्वी जलक्षेत्र में आठ मिसाइलें छोड़ी गई थीं।
बता दें कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के जवाब में सोमवार को आठ बैलिस्टिक मिसाइल को समुद्र में प्रक्षेपित किया। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ और यूएस फोर्सेज कोरिया के अनुसार, अभ्यास में आठ 'आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम' मिसाइल शामिल थीं। इनमें से एक अमेरिका और सात दक्षिण कोरिया की मिसाइल थीं। दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि इस मिसाइल प्रक्षेपण का उद्देश्य उत्तर कोरिया के हमलों का तेजी से और सटीक जवाब देने की क्षमता का प्रदर्शन करना था।
सेना ने रविवार को बताया था कि उत्तर कोरिया ने पश्चिमी तथा पूर्वी तटीय क्षेत्रों और राजधानी प्योंगयांग के उत्तर तथा उसके पास के दो अंतर्देशीय क्षेत्रों सहित कम से कम चार अलग-अलग स्थानों से 35 मिनट में छोटी दूरी की आठ मिसाइल का प्रक्षेपण किया था। उत्तर कोरिया का 2022 में यह 18वां मिसाइल परीक्षण था। दक्षिण कोरिया और अमेरिका के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर कोरिया सितंबर 2017 से अपना पहला परमाणु परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है, क्योंकि उसके नेता किम जोंग-उन का मकसद परमाणु शक्ति के रूप में अपने देश की स्थिति को मजबूत करना और प्रतिद्वंद्वियों से रियायतें हासिल करने के वास्ते दबाव बनाना है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने सोमवार को देश के 'मेमोरियल डे' पर अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु हथियारों तथा मिसाइल खतरे का मुकाबला करने के लिए 'मौलिक एवं व्यावहारिक सुरक्षा क्षमताओं' को हासिल करेगी।