तबाही का 18वां दिन, भीषण बमबारी से मिटा वोल्नोवाखा का वजूद...गोलाबारी में सात लोगो की मौत

कई दिन तक लगातार बमबारी कर रूसी सेना ने वोल्नोवाखा कस्बे का वजूद ही मिटा दिया है। पूरे शहर में कोई इमारत साबुत नहीं बची, चारों तरफ सिर्फ भवनों के मलबे सुलगते नजर आते हैं।

Update: 2022-03-14 00:41 GMT

कई दिन तक लगातार बमबारी कर रूसी सेना ने वोल्नोवाखा कस्बे का वजूद ही मिटा दिया है। पूरे शहर में कोई इमारत साबुत नहीं बची, चारों तरफ सिर्फ भवनों के मलबे सुलगते नजर आते हैं। एक लाख की आबादी वाली वोल्नोवाखा अब एकदम सुनसान है। यहां के 80 फीसदी से ज्यादा लोग शहर छोड़कर भाग चुके हैं।

दोनेत्स्क क्षेत्र के गवर्नर पाव्लो कायरिलेंको ने कहा, विनाशकारी युद्ध की वजह से आज एक पूरे शहर का वजूद मिट गया है। शहर के सुलगते अवशेषों पर रूसी समर्थक अलगाववादियों में कब्जे की होड़ मची है। सोशल मीडिया पर मलबे के ढेर में तब्दील हुए वोल्नोवाखा में रूसी सेना के प्रवेश के फोटो और वीडियो चर्चा में हैं। इन्हें देख हर कोई दंग है कि कैसे कुछ दिन पहले तक एक साफ-सुथरा, शांत, व्यवस्थिति शहर खंडहर में बदल गया है।

एक लाख की आबादी वाले कस्बे में अब चारों ओर सुलगते मलबे के ढेर

पाव्लो कहते हैं, शहर में करीब एक लाख लोग रहते थे। हमले के बाद ज्यादातर लोगों को शहर से निकाल लिया गया था। लोग पहले ही जा चुके थे अब रूस ने खाली इमारतों को तबाह कर शहर का अस्तित्व ही मिटा दिया है। कुछ लोग हैं, जो किसी भी कीमत पर यहां से नहीं जाना चाहते, वे बिना पानी और बिजली के मुश्किल से गुजार कर रहे हैं। ठंड से बचने के लिए मलबे से निकली लकड़ियां जला लेते हैं।

मैरियूपोल में भी तबाही

वोल्नावाखा की तरह मैरियूपोल में भी अंधाधुंध गोलाबारी की जा रही है और यह शहर भी धीरे-धीरे खंडहर में बदलता जा रहा है। मैक्सर की तरफ से जारी किए गए सैटेलाइट फोटो में शहर के रिहायशी इलाकों में हमले के निशान साफ दिखते हैं।

शरणार्थियों के काफिले पर गोलाबारी में सात की मौत

राजधानी कीव के उत्तर पूर्व में 20 किलोमीटर दूर पेरेमोहा गांव से जान बचाकर भाग रहे सैकड़ों लोगों के काफिले पर रूसी गोलाबारी में एक बच्चे सहित सात लोगों की मौत हो गई। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, हमले के बाद काफिला वापस लौटने के लिए मजबूर हो गया।

रूस ने कहा है, वह संघर्ष क्षेत्रों के बाहर मानवीय गलियारा बनाएगा, लेकिन यूक्रेनी अधिकारियों ने रूस पर उन मार्गों को बाधित करने और आम नागरिकों पर गोलियां चलाने का आरोप लगाया है।

यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेशचुक ने कहा, ऐसे 14 गलियारों पर सहमति बनी थी लेकिन केवल 9 खोले गए। इनके जरिये देश भर से 13 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया।

हमले के ठिकाने तलाश करते हैं रूसी एजेंट

कीव के मुख्य क्षेत्रीय प्रशासक ओलेस्की कुलेबा ने आरोप लगाया है कि रूसी एजेंट शहरों में घूम-घूम कर हमले के ठिकानों की पहचान करते हैं। बाद में रूसी सेना उन ठिकानों पर गोले बरसाती है।

360 वर्ग किलोमीटर में फैला है प्रशिक्षण केंद्र

रूसी हमले में तबाह लवीव के सैन्य प्रशिक्षण केंद्र का इस्तेमाल अमेरिकी एवं अन्य नाटो देशों के प्रशिक्षकों द्वारा यूक्रेनी सेना को प्रशिक्षण देने के लिए किया जाता था। 360 वर्ग किलोमीटर में फैला यह केंद्र यूक्रेन के सबसे बड़े सैन्य प्रशिक्षण केंद्रों में एक है।

यूक्रेन को 20 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद देगा अमेरिका

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कहा कि यूक्रेनी सैनिकों को बख्तरबंद और हवाई हमलों के खतरों का मुकाबला करने के लिए अमेरिका 20 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद देगा। इससे पहले अमेरिकी संसद यूक्रेन की मदद के लिए 1.2 अरब डॉलर की रकम मंजूर कर चुकी है। इस तरह से अब बाइडन प्रशासन यूक्रेन की मदद के लिए 1.2 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च कर पाएगा। ब्लिंकन ने बताया कि 20 करोड़ डॉलर की यह मदद तुरंत मुहैया कराई जा रही है। यह यूक्रेन की रक्षात्मक क्षमता को बढ़ाने के लिए है। इसके अलावा अमेरिका यूक्रेनी लोगों की मानवीय आधार पर मदद करता रहेगा। अमेरिका और सहयोगी देश रूसी हमले के खिलाफ यूक्रेन के लोगों के साथ हैं।


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