सेनेगल अस्पताल में आग लगने से 11 नवजात शिशुओं की मौत,सदमे में माता-पिता
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग बहुत ही भयानक थी। हर तरफ आग की लपटें और धुएं का गुबार नजर आ रहा था।
अस्पताल में अपने शिशुओं को भर्ती कर घर पर चैन की सांस ले रहे माता-पिता को अस्पताल से गए एक फोन काल ने सदमे में डाल दिया। दरअसल शार्ट सर्किट के कारण अस्पताल के उसी वार्ड में आग लग गई जहां नवजातों को केयर के लिए भर्ती किया गया था। गुरुवार को तीन दिन का शोक घोषित करने से पहले राष्ट्रपति मैकी साल ने कहा, 'सेनेगल में पुलिस अस्पताल के बाहर तैनात थी और जिन माता-पिता ने अपने शिशुओं को खोया वे बाहर शोक मना रहे थे।
बुधवार को लगी आग के प्रत्यक्षदर्शी मामादाउ बाए ने एपी को बताया कि अस्पताल के भीतर के हालात भयावह थे। उन्होंने बताया, 'अस्पताल के जिस वार्ड में यह दुर्घटना हुई, वहां धुआं ही धुआं था जिसके कारण दम घुटने जैसे हालात थे। दुखी पैरेंट्स अभी भी सदमे में हैं। बदारा फाए के नवजात बेटे की भी इस हादसे में मौत हो गई। उन्होंने बताया, 'बुधवार को मैंने अपने बच्चे का बपतिस्मा (baptized) कराया था। उस वक्त मैं सदमे में पहुंच गई थी जब मेरे पास इसके लिए काल आई कि अस्पताल के neonatal सेक्शन में आग लग गई।'
अफ्रीकी देश सेनेगल में एक दर्दनाक हादसे में 11 शिशुओं की मौत हो गई। इस भीषण हादसे में सिर्फ तीन शिशुओं को सुरक्षित बचाया जा सका। यह हादसा राजधानी डकार से 120 किलोमीटर दूर तिवाउने शहर में हुआ। बुधवार देर रात अस्पताल के नवजात शिशु विभाग में शार्ट सर्किट की वजह से आग लग गई। आरएफएम रेडियो ने शहर के मेयर डियोप साय के हवाले से बताया कि पांच मिनट के भीतर आग ने विकराल रूप ले लिया। जबकि राष्ट्रपति मैकी साल ने दिल दहला देने वाली इस घटना पर दुख जताते हुए गुरुवार से तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया है। उन्होंने पीड़ित माताओं और परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग बहुत ही भयानक थी। हर तरफ आग की लपटें और धुएं का गुबार नजर आ रहा था।