थाईलैंड से 11 और क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक भारत पहुंचे, अब हॉस्पिटल्स में सप्लाई बढ़ाने में मिलेगी मदद

देश में कोरोनावायरस का कहर बरपा हुआ है. कई अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए मारामारी चल रही है

Update: 2021-05-22 12:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| देश में कोरोनावायरस का कहर बरपा हुआ है. कई अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए मारामारी चल रही है. केंद्र सरकार और गैर सरकारी संगठन ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इस बीच थाईलैंड से 11 और क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर भारत पहुंचने वाले हैं. मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) बैंकाक से 11 क्रायोजेनिक टैंक आयात कर रहा है, जो अस्पतालों को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) की सप्लाई बढ़ाने में मदद करेगा. मेघा इंजीनियरिंग अपनी सामाजिक सेवा जिम्मेदारी ( CSR) के तहत ये टैंकर्स फ्री में तेलंगाना को उपलब्ध करा रहा है.

तीन टैंकों की पहली खेप शनिवार को हैदराबाद के बेगमपेट वायु सेना स्टेशन पर पहुंची. बाकी आठ टैंक अगले कुछ दिनों में पहुंचेंगे. मेघा इंजीनियरिंग ने कहा कि हर क्रायोजेनिक टैंक में 1.40 करोड़ लीटर मेडिकल ऑक्सीजन आती है. ऐसे में इन 11 टैंकों के जरिए 15.40 करोड़ लीटर ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकेगी. एमईआईएल के शीर्ष प्रबंधन के अलावा, तेलंगाना के वित्त मंत्री टी हरीश राव और प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव सोमेश कुमार के नेतृत्व में गठित सलाहकार समिति से संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रही है.
केंद्रीय रक्षा और विदेश मंत्रालय ने बैंकाक से इन टैंकरों के सुगम परिवहन की इजाजत दी. चंडीगढ़ से एक रक्षा विशेष विमान के जरिए टैंकों को हैदराबाद लाया गया है. एमईआईएल के उपाध्यक्ष पी राजेश रेड्डी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स से अस्पतालों तक मेडिकल उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन का परिवहन के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अब ये 11 क्रायोजेनिक टैंक राज्य सरकार को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत वाले अस्पतालों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करेंगे.
MEIL ने क्रायोजेनिक टैंकों की खरीद को दी प्राथमिकता
MEIL अस्पतालों को मुफ्त ऑक्सीजन की सप्लाई करके कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में ऑक्सीजन की सप्लाई और मांग के बीच की खाई को पाटने का प्रयास कर रहा है. कंपनी ने कहा कि जहां क्रायोजेनिक टैंक स्वास्थ्य देखभाल इकाइयों को बड़ी मात्रा में एक साथ ऑक्सीजन पहुंचाकर समय बचाएंगे, वहीं एमईआईएल की आयात पहल से क्रायोजेनिक टैंकों के निर्माण के समय को कम कर दिया. दरअसल, एक टैंकर को बनाने में तीन महीने का समय लगता है. कंपनी के प्रबंधन ने अन्य सभी कार्यों को रोक दिया है और दोनों तेलुगु भाषी राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. साथ ही साथ क्रायोजेनिक टैंकों की खरीद को प्राथमिकता से लिया है.
अस्पतालों में 24 घंटे सप्लाई हो रहा ऑक्सीजन
एमईआईएल की बोलारम फैसिलिटी से 9 से 21 मई के बीच कंपनी ने 29,694 मीट्रिक टन एलएमओ वितरित की है, जो तीन करोड़ लीटर ऑक्सीजन है. इस फैसिलिटी से औसतन 400 सिलेंडर की सप्लाई की जा रही है. कंपनी चौबीसों घंटे बोलारम में अपनी निर्माण इकाई से ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है और इसे तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अस्पतालों में सप्लाई कर रही है. रोजाना कम से कम 7,000 लीटर लिक्विड ऑक्सीजन वाले खाली सिलेंडर भरे गए और 10 अस्पतालों को मुफ्त उपलब्ध कराए गए. अब तक तमाम अस्पतालों को 4,242 सिलेंडरों की सप्लाई की जा चुकी है. कंपनी ने चौबीसों घंटे अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित टीम का गठन किया है.
'हम दिन-रात कर रहे हैं ऑक्सीजन का उत्पादन'
इससे पहले एमइआईएल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि उसने अब तक तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के 17 निजी एवं सरकारी अस्पतालों में 2.2 करोड़ लीटर ऑक्सीजन की मुफ्त आपूर्ति की है. तेलंगाना स्थित उसके ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र में 100 फीसदी क्षमता के साथ 24 घंटे उत्पादन किया जा रहा है. एमइआईएल के महाप्रबंधक गोविंद के ने कहा, ''बहुत कम समय में हमने यह ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया है. हमने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की मुफ्त आपूर्ति के वितरण को लेकर एक विशेष टीम तैनात की है. हम दिन-रात ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं.''


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