द्वीपों को लेकर चीन से तनाव, पूर्वी सागर में लड़ाकू विमान भेजेगा जापान
दक्षिण सागर में भी चीन ने नागरिक सेना समेत मछली पकड़ने वाली कई नौकाएं भेजकर गतिविधियां बढ़ाई हैं।
दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में आक्रामक चीनी गतिविधियों में लगातार वद्धि देखते हुए अमेरिका, जापान और फिलीपींस ने भी प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई की है। बीजिंग के इन क्षेत्रों में समुद्री दावों के बीच चीन और अमेरिका ने पूर्व और दक्षिण चीन सागर की विवादित सीमा में विमान वाहक पोत रवाना कर दिए हैं। वहीं, जापान ने 2024 तक यहां एफ-35 लड़ाकू विमान तैनात करने का फैसला लिया है।
बता दें कि चीन ने दक्षिण सागर के व्हिटसन टापू पर 200 से ज्यादा जहाजों को भेजा है। फिलीपींस ने चेताया है कि वह इन जहाजों को पीछे हटा ले। इस बीच चीन ने दक्षिण सागर में जहां रणनीतिक जहाज रवाना किया वहीं अमेरिका ने भी यूएसएस थेओडोर रूजवेल्ट नामक विमान वाहक जंगी जहाज के बेड़े को क्षेत्र की मलक्का खाड़ी की तरफ रवाना कर दिया है। इससे पूरे क्षेत्र में तनाव के हालात बन गए हैं।बीजिंग इस क्षेत्र में अपना दावा करता है तो अमेरिका ने यहां मुकाबला करने के लिए सैन्य अभ्यास किया है। दूसरी तरफ, पूर्वी चीन सागर में जापान भी चीनी विमान वाहक जंगी जहाज बेड़े की घुसपैठ के बाद 2024 तक क्षेत्र में एफ-35बी लड़ाकू विमान तैनात करेगा। इन्हें पूर्वी सागर में द्वीपों की रक्षा के लिए मियाजाकी प्रांत में एयरबेस पर तैनात किया जाएगा। यह क्षेत्र विवादित सेनकाकू द्वीप समूह से मात्र 1030 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है।
चीन ने बढ़ाई आक्रामक गतिविधियां
हाल के दिनों मे चीनी कोस्ट गार्ड ने सेनकाकू द्वीपसमूह के पास वाले इलाकों में अपनी आक्रामक गतिविधियां तेज की हैं। जापान के रक्षा मंत्रालय ने चीनी विमानवाहक पोत लियाओनिंग को पूरे फ्लीट के साथ दक्षिणी ओकिनावा प्रांत के मुख्य द्वीप और मियाको द्वीप के बीच स्पॉट किया था। दूसरी तरफ, दक्षिण सागर में भी चीन ने नागरिक सेना समेत मछली पकड़ने वाली कई नौकाएं भेजकर गतिविधियां बढ़ाई हैं।