राष्ट्रपति की शक्तियां संसद-सरकार को देने का प्रस्ताव, कैबिनेट में आज आएगा संविधान संशोधन विधेयक

श्रीलंका में राष्ट्रपति की असीमित शक्तियों को संसद और निर्वाचित सरकार को देने की तैयारी है। सोमवार को पीएम विक्रमसिंघे की अध्यक्षता में होने जा रही कैबिनेट बैठक में संविधान में 21वें संशोधन का प्रस्ताव लाया जाएगा।

Update: 2022-05-23 00:44 GMT

श्रीलंका में राष्ट्रपति की असीमित शक्तियों को संसद और निर्वाचित सरकार को देने की तैयारी है। सोमवार को पीएम विक्रमसिंघे की अध्यक्षता में होने जा रही कैबिनेट बैठक में संविधान में 21वें संशोधन का प्रस्ताव लाया जाएगा। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे पहले ही कार्यकारी अधिकार संसद को देने पर सहमति दे चुके हैं। अनुच्छेद 20ए के जरिये संविधान के 19वें संशोधन को रद्द कर संसद की जगह राष्ट्रपति को निरंकुश शक्तियां प्रदान की गई थीं।

श्रीलंका के न्याय मंत्री डॉ. विजयदास राजपक्षे के मुताबिक, संशोधन के बाद दोहरी नागरिकता वाले लोग संसद के लिए नहीं चुने जा सकेंगे। राष्ट्रीय लेखा परीक्षा आयोग और खरीद आयोग को स्वतंत्र आयोगों का दर्जा होगा। नए संशोधन के जरिये केंद्रीय बैंक के गवर्नर की नियुक्ति का अधिकर सांविधानिक परिषद को दिया जएगा।

अगस्त 2020 के आम चुनावों में भारी जीत के बाद राजपक्षे परिवार ने सत्ता पर पकड़ मजबूत कर राष्ट्रपति को असीमित शक्तियां देने के लिए संविधान में संशोधन किए। परिवार के सदस्यों व करीबी लोगों को सरकार के अहम पदों पर नियुक्त कर दिया। फिलहाल भयावह आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका में ईंधन, भोजन और दवा जैसी बेहद जरूरी वस्तुओं के आयात के लिए भी विदेशी मुद्रा नहीं है। लोग संकट के लिए राष्ट्रपति गोतबाया और उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को जिम्मेदार मानते हैं।

जनविरोध के कारण महिंदा को छोड़ना पड़ा पीएम पद

हिंसक प्रदर्शनों की वजह से महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। फिलहाल अपनी पार्टी के अकेले सांसद रानिल विक्रमसिंघे प्रधानमंत्री हैं। वह गोतबाया भाइयों की पार्टी श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना के समर्थन से सरकार चला रहे हैं। लोगों में बढ़ रहे गुस्से के कारण गोतबाया खुद इसके लिए सहमत हैं कि राष्ट्रपति के बजाय संसद को शक्तियां मिलें।

बिगड़ते हालात...भीड़ ने पेट्रोल पंप मालिक का घर फूंका

गुस्साई भीड़ ने आईओसी पेट्रोल पंप के मालिक के घर में आग लगा दी। घटना श्रीलंका के केकीरावा के इपालोगामा की है। पुलिस के अनुसार, 21 मई को ईंधन लेने के लिए भीड़ जमा हुई थी। कुछ को ईंधन नहीं मिला तो भीड़ उग्र हो गई और मालिक के घर में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि जिस समय घर में आग लगी उस समय पेट्रोल पंप मालिक की पत्नी और दो बच्चे घर पर ही थे। हालांकि, पड़ोसियों, ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों ने उन्हें बचा लिया। इससे पूर्व, गुस्साई भीड़ के हाथों एक सांसद मारा जा चुका है।

 

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