नई दिल्ली। मिनी फ़ूड महल आज के समय में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है जिसमें ये फ़ूड खासकर बच्चों के खिलौने में बनाए जाते है। आपको बता दें कि मिनी फ़ूड की शुरुआत विदेशी परम्परा के तहत हुई थी जिसके बाद ये फ़ूड आज कल दक्षिण और उत्तरी भारत में ज्यादा प्रचलित है जिसे आज के समय में मिनी फूड पार्क के नाम पर भी जाना जाता है। फूड पार्क बनने से यहां के उत्पादों का मूल्य संवर्द्धन होगा और उन्हें अधिक कीमत मिलेगी। इस फ़ूड पार्क में गडेरी, गेहूं, धान, अदरक और तेजपात की खेती होती है लेकिन मैदानी क्षेत्र टनकपुर से महज 30 किमी दूर होने के बावजूद यहां के किसानों को उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता था। एक माह पूर्व इस क्षेत्र में डीएम सुरेंद्र नारायण पांडेय ने बहुउद्देश्यीय शिविर लगाया तो यहां के कृषि उत्पादों की बहुतायत के बावजूद मूल्य न मिलने की समस्या सामने आई।