शिक्षा के तौर-तरीकों की रूपरेखा बनाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना
हरिद्वार: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बुनियादी स्तर पर शिक्षा के तौर-तरीकों की रूपरेखा बनाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य हो गया. शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह ने राज्यस्तरीय पाठ्यचर्या के दस्तावेज का लोकार्पण किया. साथ ही एससीईआरटी को इसी के अनुसार आगे कोर्स तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी. एससीईआरटी को माध्यमिक स्तर के लिए भी रूपरेखा …
हरिद्वार: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बुनियादी स्तर पर शिक्षा के तौर-तरीकों की रूपरेखा बनाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य हो गया. शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह ने राज्यस्तरीय पाठ्यचर्या के दस्तावेज का लोकार्पण किया. साथ ही एससीईआरटी को इसी के अनुसार आगे कोर्स तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी. एससीईआरटी को माध्यमिक स्तर के लिए भी रूपरेखा बनानी होगी.
ननूरखेड़ा स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय सभागार में डॉ.रावत ने पाठ्यचर्चा पुस्तक को लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि एनईपी में उत्तराखंड लगातार पूरे देश में बढ़ लिए हुए हैं. एनईपी को उत्तराखंड ने सबसे पहले लागू किया था. इसके बाद बाल वाटिका को भी उत्तराखंड ने ही सबसे पहले लागू किया. गुजरात के बाद उत्तराखंड पहला राज्य है जिसने विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना की. डॉ.रावत ने कहा कि बुनियादी स्तर की शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है. माना जाता है कि किसी भी बच्चे का 85 प्रतिशत विकास छह साल की आयु में हो जाता है. इसलिए बुनियादी शिक्षा पर अधिक फोकस की जरूरत है. एनईपी में इस पहलू का विशेष ध्यान रखा गया है.
ब्लॉक स्तर पर होंगी शिक्षा गोष्ठियां शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार और विभाग मिलकर शिक्षक-छात्र-अभिभावकों के लिए जागरूकता गोष्ठियां की श्रृंखला शुरू करेंगे. आज शिक्षक समय पर स्कूल आएं, पढ़ाएं, इन व्यवस्थाओं को बनाने में ही 60 प्रतिशत समय जाया हो रहा है. शिक्षकों में अपने दायित्वों के प्रति स्वप्रेरणा होनी चाहिए. इसके लिए ब्लॉक पर शिक्षकों के साथ संवाद और गोष्ठियां का आयोजन किया जाएगा. ब्लॉक पर होने वाली इन गोष्ठियों में सरकार के मंत्री और आला अफसर भी शरीक होंगे.
इस दौरान अपर निदेशक एसपी खाली, महावीर सिंह बिष्ट,अजय कुमार नौडियाल, डॉ.आनंद भारद्वाज, रघुनाथ लाल आर्य, देहरादून डायट के प्राचार्य राकेश जुगरान, केएन बिजल्वाण, कंचन देवराड़ी, कमला बड़वाल, सुनील भट्ट, रघुवीर सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे.