हरकी पैड़ी पर साधु संतों ने किया गीता पाठ
हरिद्वार: गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज के आह्वान पर एक साथ एक मिनट गीता पाठ का देश भर में होने वाले कार्यक्रम के तहत हरकी पैड़ी पर श्री गंगा सभा के नेतृत्व में साधु-संतों एवं वेदपाठी ब्राह्मणों ने गीता के प्रथम, मध्यम एवं अंतिम मंत्र का पाठ किया गया. इस मौके पर विधायक मदन कौशिक ने …
हरिद्वार: गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज के आह्वान पर एक साथ एक मिनट गीता पाठ का देश भर में होने वाले कार्यक्रम के तहत हरकी पैड़ी पर श्री गंगा सभा के नेतृत्व में साधु-संतों एवं वेदपाठी ब्राह्मणों ने गीता के प्रथम, मध्यम एवं अंतिम मंत्र का पाठ किया गया.
इस मौके पर विधायक मदन कौशिक ने कहा कि गीता सबकी और सबके लिए है. गीता में हर समस्या का समाधान निहित है. श्रीकृष्ण भगवान ने युद्ध की धरती पर मोह में फंसे अर्जुन को निमित कर सृष्टि को गीता का उपदेश दिया गया है. इसमें केवल मानव ही नहीं बल्कि हर जीव का हित समाया हुआ है. देश ही नहीं विश्व के आज के परिदृश्य को देखें तो गीता की पुन आवश्यकता महसूस हो रही है. महंत अरुणदास ने कहा कि गीता मनीषी ज्ञानानंद के आह्वान पर देश भर में हो रहे इस कार्यक्रम में गीता के प्रति एक नया जनजागरण होगा. मां गंगा के पावन तट और गंगा के लाखों भक्तों के बीच इन मंत्रों का उच्चारण सनातन की विश्व पताका मजबूत आधार स्थापित हुआ है. श्री गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा की श्रीगंगा सभा इस कार्यक्रम का सहभागी बन गीता की अलख जगाने गवाह बना है. यह एक अच्छी शुरुआत है इससे गीता में प्रति जागृति एवं सकारात्मक संदेश जाएगा. महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि गंगा हमारी संस्कृति एवं सनातन का आधार है तथा गीता सनातन का सार है. उन्होंने कहा कि हमें आज से ही नित्य गीता के अध्ययन का संकल्प लेना चाहिए. गीता में जो भी बातें कही गई है उनका अनुसरण कर अपने जीवन में सुख और शांति की अनुभूति करनी चाहिए. इस अवसर पर गंगा सेवक दल सचिव उज्ज्वल पंडित, सचिव समाज कल्याण अवधेश कौशिक, शशिकांत शर्मा, अभिषेक गुप्ता, हिमांशु वशिष्ठ, आदि उपस्थित रहे.
सामूहिक भगवद्गीता पाठ का आयोजन
गीता जयंती के अवसर पर संस्कृत भारती द्वारा शंकर आश्रम में सामूहिक भगवद्गीता पाठ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन शंकर आश्रम के अध्यक्ष स्वामी प्रेमस्वरूप एवं एसएमजेएन कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो. शिवशंकर जायसवाल ने किया. स्वामी प्रेमस्वरूप ने गीता के प्रमुख सिद्धांतों का विश्लेषण कर गीता की वर्तमान समाज के उपयोगी बताया. प्रो. जायसवाल ने गीता में समाहित ज्ञान को वर्तमान के साथ जोड़ते हुए समस्याओं के समाधान के रूप में उपयुक्त बताया. संस्कृत भारती के प्रांत संगठन मंत्री गौरव शास्त्रत्त्ी ने कहा कि गीता सनातन धर्म की प्राणभूत है. जिलाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार मिश्र ने गीता को विश्व की धरोहर बताते हुए महत्व पर प्रकाश डाला. सामूहिक गीता पाठ कार्यक्रम में विभाग संयोजक डॉ. पवन कुमार, बृजेश जोशी, डॉ. केशव बलियानी, डॉ. दामोदर परगाई, विवेक शुक्ल, शुभम, डॉ. हरीश तिवाड़ी, डॉ. कंचन तिवारी, सलोनी, संतोष, शिखा आदि उपस्थित रहे.