एचआईएमएस जौलीग्रांट में एल्युमिनाई मीट का आयोजन किया गया

ऋषिकेश: हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज (एचआईएमएस) जौलीग्रांट में एल्युमिनाई मीट का आयोजन किया गया. इसमें 1998 बैच के पुरातन छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया. रजत जंयती समारोह में उन्होंने कॉलेज से जुड़ी पुरानी यादों को साझा किया. एसआरएचयू में एचआईएमएस की ओर से एल्युमिनाई मीट का भव्य आयोजन किया गया. वर्ष 1998 में हिमलायन इंस्टीट्यूट …

Update: 2024-01-12 02:29 GMT

ऋषिकेश: हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज (एचआईएमएस) जौलीग्रांट में एल्युमिनाई मीट का आयोजन किया गया. इसमें 1998 बैच के पुरातन छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया. रजत जंयती समारोह में उन्होंने कॉलेज से जुड़ी पुरानी यादों को साझा किया.
एसआरएचयू में एचआईएमएस की ओर से एल्युमिनाई मीट का भव्य आयोजन किया गया. वर्ष 1998 में हिमलायन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के बैच के पुरातन छात्र-छात्राओं ने एल्युमिनाई मीट के रूप में रजत जयंती समारोह मनाया. इस दौरान सभी छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव और कॉलेज से जुड़े संस्मरणों को साझा किया. सभी ने एक सुर में कहा कि वैश्विक पटल पर एसआरएचयू एजुकेशन हब के रूप स्थापित हो चुका है. एल्युमिनाई मीट में भागीदारी के लिए यूएसए से डॉ. सव्य और डॉ.श्वेता और कुवैत से डॉ. इरम हसन विशेष तौर पर आए. 1998 बैच के डॉ. शिखर अग्रवाल, डॉ. सोनिका अग्रवाल और डॉ. नंद किशोर ने वर्तमान में हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में उच्च पदों पर सेवा दे रहे हैं. समारोह के मुख्य अतिथि कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि छात्र-छात्राओं का हित हमारे लिए सर्वोपरि है. पूर्व छात्र हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं. छात्र-छात्राओं की उपलब्धियों पर हम गर्व महसूस करते हैं. संस्थान के गौरवमयी इतिहास और उपलब्धियों के बारे में बताया.

डॉ.धस्माना ने कहा विवि का उनके पूर्व छात्र-छात्राओं के साथ जुड़ाव हमेशा रहेगा. इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थापक डॉ.स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप जलाकर और 1998 बैच की डॉ. रूचि गुप्ता की सरस्वती वंदना पर एकल नृत्य के साथ हुई.

महिलाओं को बनना होगा आत्मनिर्भर

चकराता क्षेत्र में हो रहे एनआरएलएम कार्यक्रम के तहत लखमण्डल में समूह की महिलाओं का सम्मेलन आयोजित किया गया.

इस दौरान फेडिज कप्साड वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. पूजा गौड़ ने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब सही वक्त आ गया है. महिलाओं को उद्यमी बनना होगा. बदलते जमाने के साथ और बढ़ती आवश्यकताओं के लिए जरूरी है कि घर की आर्थिकी मजबूत रहे और आत्मनिर्भर बनें.

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