थर्मल पावर प्लांट के राखड़ से किसान की लहलहा रही फसल
शंकरगढ़/ प्रयागराज: बारा थर्मल पावर प्लांट के कोयल दहन अवशेष बारा शंकरगढ़ क्षेत्र में एक समस्या ग्रस्त ठोस अपशिष्ट माना जा रहा है। हालांकि कई अध्ययनों से पता चला है कि राखड़ का उपयोग मिट्टी सुधारक के रूप में किया जा सकता है। जो खेत की खराब मिट्टी के भौतिक रासायनिक और जैव गुणों में …
शंकरगढ़/ प्रयागराज: बारा थर्मल पावर प्लांट के कोयल दहन अवशेष बारा शंकरगढ़ क्षेत्र में एक समस्या ग्रस्त ठोस अपशिष्ट माना जा रहा है। हालांकि कई अध्ययनों से पता चला है कि राखड़ का उपयोग मिट्टी सुधारक के रूप में किया जा सकता है। जो खेत की खराब मिट्टी के भौतिक रासायनिक और जैव गुणों में सुधार कर सकता है, और आसानी से उपलब्ध पौधों के सूक्ष्म और माइक्रो पोषक तत्वों का एक स्रोत है। राखड से कृषि में काफी संभावनाएं हैं । फ्लाई एस में तत्वों की उच्च सांद्रता कई कृषि फसल की उपज बढ़ता है ।लेकिन कृषि क्षेत्र में फ्लाई ऐश का उपयोग अन्य क्षेत्रों की तुलना में सीमित है।
अगर कृषि क्षेत्र में फ्लाई ऐश का उपयोग किया जाए तो खेती में बेहतर सुधार की संभावनाएं हो सकती हैं। विकासखंड शंकरगढ़ के पागुवार ग्राम सभा के एक किसान ने बताया कि वह अपने खेत में पावर प्लांट के राखड़ का उपयोग कर आज बढ़िया खेती कर रहे हैं उनके खेत लहलहा रहे हैं। पहले जहां मेरे खेत में कुछ भी नहीं होता था वहीं अब राखड़ के उपयोग से चावल, गेहूं ,अरहर की अच्छी फसल तैयार हो रही है, सबसे बड़ी बात की मेरे पूरे खेत में पावर प्लांट की राखड़ ही डाली गई है। मिट्टी नाम मात्र की पड़ी है। फिर भी अनुमान से ज्यादा बढ़िया फसल तैयार हुई है। मिट्टी के उपजाऊ बनाने में फ्लाई ऐश वरदान साबित हो रही है। शंकरगढ़ एक पथरीला क्षेत्र है अगर किसान भाई इसका उपयोग करके बढ़िया खेती तैयार कर सकते हैं ।