हृदयरोगियों को भी नहीं मिला बेड, रोजाना लौट रहे दो दर्जन गंभीर मरीज
लखनऊ: सरकारी अस्पतालों में दिल के मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. मरीज तीमारदारों के साथ पीजीआई, केजीएमयू और लोहिया संस्थान के चक्कर लगा रहे हैं. इन संस्थानों के कार्डियोलॉजी विभाग के आईसीयू बेड फुल होने की इमरजेंसी में आने वाले रोजाना दो दर्जन दिल के मरीज लौटाए जा रहे हैं. एंजियोप्लास्टी के …
लखनऊ: सरकारी अस्पतालों में दिल के मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. मरीज तीमारदारों के साथ पीजीआई, केजीएमयू और लोहिया संस्थान के चक्कर लगा रहे हैं. इन संस्थानों के कार्डियोलॉजी विभाग के आईसीयू बेड फुल होने की इमरजेंसी में आने वाले रोजाना दो दर्जन दिल के मरीज लौटाए जा रहे हैं.
एंजियोप्लास्टी के लिए एक हफ्ते का इंतजार एक ओर डॉक्टर कहते हैं कि एंजियोप्लास्टी 24 घंटे में हो जानी चाहिए. वहीं, यह डॉक्टर ओपीडी में मरीजों में एंजियोप्लास्टी की तारीख एक हफ्ते बाद की दे रहे हैं. पीजीआई के काडियोलॉजी विभाग की ओपीडी में रोजाना 200 से अधिक मरीज देखे जा रहे हैं. इनमें से दर्जन भर से अधिक गंभीर होते हैं. इनमें से बमुश्किल आधा दर्जन को बेड मिल पाता है. केजीएमयू के लॉरी की ओपीडी में रोज 250 से अधिक मरीज देखे जा रहे हैं.
30 फीसदी बढ़े मरीज सर्दी बढ़ने से कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में 30 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं. पीजीआई, केजीएमयू और लोहिया संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में रोजाना 600 से अधिक मरीज देखे जा रहे हैं. बहुत से मरीजों को ओपीडी में दिखाने के लिए एक से दो रोज का इंतजार करना पड़ रहा है.
आईसीयू के बेड भरे, मरीज लौटाए जा रहे पीजीआई के दिल के मरीजों के लिए 22 बेड का एमआईसीयू का वार्ड है. सभी बेड भरे हुए हैं. इमरजेंसी में रोजाना हार्ट फेल्योर और हार्ट अटैक के दर्जन भर गंभीर मरीज आ रहे हैं. बेड भरे होने से आधे मरीजों को डॉक्टर दूसरे अस्पतालों में रेफर कर रहे हैं. केजीएयमू में 80 बेड का आईसीयू भर हुआ है. यहां सर्वाधिक दबाव है.