विगत तीन माह में निस्तारित हुए दोगुना राजस्व मामले

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लंबित राजस्व वादों के निस्तारण को लेकर सीएम योगी के सख्त निर्देशों का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। सीएम योगी के निर्देश पर लंबित राजस्व वादों के त्वरित निस्तारण के लिए किए गए प्रयासों के चलते विगत तीन माह में पिछले वर्ष की तुलना में करीब दोगुने वादों का …

Update: 2023-12-22 03:33 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लंबित राजस्व वादों के निस्तारण को लेकर सीएम योगी के सख्त निर्देशों का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। सीएम योगी के निर्देश पर लंबित राजस्व वादों के त्वरित निस्तारण के लिए किए गए प्रयासों के चलते विगत तीन माह में पिछले वर्ष की तुलना में करीब दोगुने वादों का निस्तारण सुनिश्चित किया गया है।

राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 16 सितंबर 2023 को कुल 19.57 लाख वाद लंबित थे, एवं 16 सितंबर 2023 से 19 दिसंबर 2023 के मध्य 6.59 लाख नए वाद इसमें शामिल हुए। इन सभी कुल 26.16 लाख वादों में से विगत 3 माह में कुल 12.90 लाख वादों (49 प्रतिशत) का निस्तारण सुनिश्चित किया गया जो विगत वर्ष के इन्हीं अंतिम 3 माह के औसत निस्तारण (6.66 लाख) की तुलना में लगभग दो गुना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 सितंबर 2023 को पूरे प्रदेश में लंबित राजस्व वादों के त्वरित व गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए थे। निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश व अध्यक्ष, राजस्व परिषद के स्तर से नियमित गहन समीक्षा के फलस्वरूप राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी देखने को मिली है।

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 15 सितंबर 2022 के पूर्व प्रदेश स्तर पर कुल 20.67 लाख वाद लंबित थे, एवं 15 सितंबर 2022 से 15 सितंबर 2023 के बीच कुल 26.57 लाख वाद योजित हुए। इन विचाराधीन कुल 47.25 लाख वादों में से पूरे वर्ष में कुल 27.67 लाख वादों (59 प्रतिशत) का निस्तारण किया गया। 15 सितंबर 2022 से 15 सितंबर के मध्य दायर वादों के सापेक्ष पूरे वर्ष का निस्तारण 104 प्रतिशत रहा, जबकि 16 सितंबर 2023 से 19 दिसंबर 2023 के मध्य दायर वादों के सापेक्ष मात्र 3 माह की अवधि का निस्तारण 196 प्रतिशत रहा।

15 सितंबर 2022 से 15 सितंबर 2023 तक 1 वर्ष में धारा-34 (नामांतरण) के कुल 19.22 लाख वादों का निस्तारण किया गया, जबकि समीक्षा अवधि (16 सितंबर 2023 से 19 दिसंबर 2023) मात्र 3 माह में 7.77 लाख वादों का निस्तारण किया गया जो कि विगत वर्ष के इसी 3 माह के औसत निस्तारण 4.80 लाख के सापेक्ष लगभग 3 लाख अधिक है।

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